scriptthen stop the mid-day meal | शासन व्यवस्था नहीं बना पा रहा है तो मध्याह्न भोजन बंद कर दे | Patrika News

शासन व्यवस्था नहीं बना पा रहा है तो मध्याह्न भोजन बंद कर दे

locationछिंदवाड़ाPublished: Jul 27, 2023 06:18:59 pm

स्कूलों में मध्याह्न भोजन पकाने वाली महिला स्व सहायता समूह ने कहा है कि महंगाई के कारण भोजन उपलब्ध कराना संभव नहीं है। सरकार लागत राशि नहीं बढ़ा सकती तो योजना को ही बंद कर दे।

then stop the mid-day meal.
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छिंदवाड़ा/पांढुर्ना. स्कूलों में मध्याह्न भोजन पकाने वाली महिला स्व सहायता समूह ने कहा है कि महंगाई के कारण भोजन उपलब्ध कराना संभव नहीं है। सरकार लागत राशि नहीं बढ़ा सकती तो योजना को ही बंद कर दे। प्रशासन को सौंपे मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन में कहा कि महंगाई को देखते हुए प्रति छात्र राशि को दोगुना किया जाए।
तहसील क्षेत्र की मध्याह्न भोजन पकाने वाली समूह की महिलाओं ने रैली निकाली व अपनी मांगों के लिए नारे लगाए। रैली एसडीएम कार्यालय पहुंची। यहां बताया कि समूह की महिलाएं बार बार ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्या से शासन को अवगत करा रही है। कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। सब्जी, किराना और गैस सिलेंडर के दाम बढ़ गए है। शासन व्यवस्था नहीं बना पा रहा है तो मध्याह्न भोजन बंद कर दे।
ज्ञापन में महिलाओं ने प्राथमिक शाला में प्रति छात्र भोजन पकाने की दर 5.45 रुपए की जगह 10 रुपए करने और माध्यमिक में 8.17 रुपए के स्थान पर 15 रुपए करने की मांग रखी। इसी तरह मानदेय कम से कम 6 हजार रुपए करने, सांझा चुल्हा कार्यक्रम के तहत आंगनबाडिय़ों में दर्ज हितग्राहियों तथा उपयोगिता लेने की प्रक्रिया समाप्त कर मध्याह्न भोजन की राशि व खाद्यान्न आवंंटित करने, वर्तमान में 60 प्रतिशत के अनुसार भुगतान किया जा रहा है पोर्टल छात्र संख्या 100 प्रतिशत के अनुसार भुगतान करने, आंगनबाड़ी केन्द्रों की भोजन दर 15 रुपए करने और भोजन पकाने वाली रसोइया को 500 रुपए के स्थान पर दो हजार रुपए देने, महिला बाल विकास विभाग में 20 फीसद कमीशन लेकर बिल भुगतान की प्रथा को बंद करने की मांग की है।
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