मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जेएस गोगिया ने बताया कि अभियान में 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों में जटिलतायुक्त गंभीर कुपोषण की पहचान की जाएगी तथा जटिलतायुक्त गंभीर कुपोषित बच्चों को समीप के एनआरसी केंद्र में भर्ती कराया जाएगा। 9 माह से 5 वर्ष तक बच्चों को विटामिन-ए का घोल पिलाया जाएगा, छह वर्ष तक के बच्चों में जन्मजात विकृतियों की पहचान कर आवश्यक उपचार प्रबंध किए जाएंगे।
इसके अलावा गर्भवती महिलाओं एवं माताओं की स्तनपान संबंधी भ्रांतियों का निराकरण कर आवश्यक जानकारी विस्तृत रूप से दी जाएगी। हीमोग्लोबिन की जांच कर एनीमिया पीडि़तों को उपचार तथा एसएनसीयू, एनआरसी से छुट्टी प्राप्त बच्चों एवं कम वजन वाले बच्चों की जांच की जाएगी। साथ ही सम्पूर्ण टीकाकरण से वंचित रहे गए बच्चों को छूटे हुए टीके लगाने सहित अन्य क्रियाकलाप किए जाएंगे।