ये बुरी खबर..इस क्षेत्र के युवा हो रहे एड्स के ज्यादा शिकार..जानिए वजह
छिंदवाड़ाPublished: Jan 17, 2022 10:09:14 pm
एक साल में जिले भर में आए 62 नए संक्रमित, बाहर जाने वाले मजदूर और ड्राइवर ज्यादा शिकार
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छिंदवाड़ा.तमाम जागरुकता के बाद भी यौन जनित बीमारी एड्स के मरीजों का ग्राफ कम नहीं हो पा रहा है। पिछले एक साल में 62 नए संक्रमित दर्ज हुए हैं। सबसे चिंताजनक तथ्य यह है कि सौंसर, पांढुर्ना के बाद चौरई नया रेड जोन बन गया है। बाहर काम करने जानेवाले मजदूर और ड्राइवर इसका शिकार हो रहे हैं।
जिला अस्पताल स्थित आईसीटीसी सेंटर की जनवरी से दिसम्बर 2021 की जारी रिपोर्ट में इस बीमारी के तेजी से फैलाव के संकेत मिले हैं। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2006 से नियमित हो रही एचआईवी जांच में 956 मरीज पाए गए हैं। इनमें पिछले साल के मरीजों को भी शामिल किया गया हैं। विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों का दावा है कि अब तक सौंसर, पांढुर्ना में सर्वाधिक संक्रमित मिलते रहे हैं। इस बार चौरई में करीब 12 की संख्या में नए मरीज मिले। इस क्षेत्र से भी मजदूर और ड्राइवर समेत अन्य युवा वर्ग बाहरी जिलों में नौकरी या काम करने जाते हैं, जहां गलत संगत में ये यौन रोग का अनजाने में ही शिकार हो जाते हैं। इसके बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर जब आईसीटीसी सेंटर में जांच कराते हैं, तब उनका रोग पकड़ में आता हैं। खासकर 18 से 30 वर्ष की आबादी इसका शिकार बन रही है।
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गर्भवती महिलाओं को भी ज्यादा खतरा
इस एचआईवी वायरस के गर्भवती महिलाओं और शिशुओं में फैलने की आशंका अधिक रहती है। इसके चलते आईसीटीसी सेंटर में इसकी जांच को अनिवार्य कर दिया गया है। इससे समय रहते इन दोनों को बचाव किया जा सकता है।
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मशीन न होने पर सिवनी पर निर्भर इलाज
जिले में 7 आईसीटीसी और 70 एफआईसीटीसी कार्यरत है। फिर भी सीडी फोर ब्लड सेल की मशीन न होने पर संक्रमितों को सिवनी एआरटी सेंटर जाना पड़ता है। इस मशीन के मार्च तक छिंदवाड़ा में लगने की संभावना है। इसकी लागत करीब 20 लाख रुपए हैं। इससे यह सुविधा छिंदवाड़ा में उपलब्ध हो जाएगी।
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इनका कहना है..
नियमित जांच और दवाओं से एड्स रोगियों की मृत्यु की संभावना कम हो गई है। वर्तमान में आनेवाली पीढ़ी को बचाने जनजागरुकता के साथ गर्भवती महिलाओं की जांच को अनिवार्य किया गया है। इस बीमारी में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इसका नया रेड जोन चौरई बनना चिंता का विषय है। इस इलाके के युवाओं को बचाने की पहल की जाना चाहिए।
–डॉ.केशव झारिया, प्रभारी एड्स नियंत्रण सेल, जिला अस्पताल।
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जिला अस्पताल में 2021 में मरीज
माह जांच पॉजीटिव
जनवरी 649 02
फरवरी 623 03
मार्च 599 07
अप्रैल 162 00
मई 209 00
जून 460 05
जुलाई 881 07
अगस्त 841 06
सितम्बर 751 08
अक्टूबर 805 05
नवम्बर 838 12
दिसम्बर 1079 07
कुल 7900 62
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16 साल में 956 मरीज, 45 की मौत दर्ज
जिला अस्पताल के रिकार्ड के अनुसार वर्ष 2006 से हो रही एचआईवी की जांच में अब तक 956 एड्स मरीज पाए गए हैं। इनमें से 45 की मौत हो गई है। शेष मरीज जीवन की जद्दोजहद में दवाइयां लेकर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रख रहे हैं।