ओवर स्पीड के अलावा नशा कर वाहन चलाने के कारण भी दुर्घटनाएं बढ़ रही है। जिले की कुछ सड़कों को छोड़ दें तो लगभग सड़कें अच्छी स्थिति में है इसके बाद भी दुर्घटनाएं हो रही है। यातायात पुलिस का कहना है कि इसके पीछे की बड़ी वजह है तूफानी रफ्तार और नशा। तीसरे नम्बर पर लोगों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी नहीं होना भी है। नियमों की जानकारी नहीं होने के कारण वाहन चालक हाईवे पर जुडऩे वाली सड़क पर आने से पहले रुकता नहीं यानी वह सीधा चला आता है, इस तरह के अन्य लापरवाही के कारण भी दुर्घटनाएं बढ़ रही है। वर्ष 2019 में 30 दिन के भीतर कुल 79 दुर्घटनाएं हुई थी, लेकिन इस साल 24 दिन में ही पिछले साल के आंकड़े पर पहुंच गई है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है, जिसका असर भी दिखाई देता है, लेकिन वाहन चालकों की लापरवाही के कारण पुलिस भी पूरी तरह से अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पा रही है। पुलिस का कहना है कि ओवर स्पीड और नशा कर वाहन चलाना बंद कर दिया जाए तो काफी हद तक स्थिति में सुधार आ जाएगा।
24 दिन में 34 लोगों की मौत
जिले में 1 से 24 सितम्बर तक 34 लोगों की जान दुर्घटना में चली गई है। वहीं पिछले साल पूरे माह में केवल 17 लोगों की मौत हुई। इस साल आंकड़ा दोगुना हो चुका है, इससे यह बात साफ हो रही है कि लोगों की लापरवाही के कारण दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ रहा है। इस मामले में ट्रैफिक डीएसपी सुदेश कुमार सिंह का कहना है कि दुर्घटना के पीछे मुख्य रूप से दो वजह ही होती है। एक तो ओवरस्पीड में वाहन का संचालन, नशा कर वाहन चलाना या फिर ट्रैफिक नियमों की जानकारी नहीं होना होती है। यहां होने वाली दुर्घटना के पीछे तीनों वजह मुख्य है।
फैक्ट फाइल
साल 2019 साल 2020
दुर्घटना 79 79
मृतक 17 34
घायल 85 48
एक से तीस सितम्बर एक से चौबीस सितम्बर