छिंदवाड़ाPublished: Nov 21, 2022 08:53:09 pm
manohar soni
जुन्नारदेव विशाला से लेकर देवरानी दाई तक विकसित नहीं हो पाए पर्यटन विकास केन्द्र
छिंदवाड़ा.जिले के परासिया, तामिया और जुन्नारदेव के धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर कैफे, विश्रामगृह जैसी सुविधाएं मिल जाए तो भविष्य में सैलानियों की संख्या में वृद्धि हो जाएगी। पिछली कमलनाथ सरकार के समय बजट भी स्वीकृत हुआ था। उसके बाद आगे काम नहीं हो पाए। वर्तमान में बजट का टोटा बना हुआ है।
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ठंडे बस्ते में पड़े 15 करोड़ के प्रस्ताव
जुन्नारदेव विशाला पहली पायरी,नागदेव, ताल खमरा, सतगगरी, गिरजामाई, छोटा महादेव, अनहोनी, सतधारा, सांगाखेड़ा समेत अन्य पर्यटन स्थलों के विकास के लिए 15 करोड़ रुपए से अधिक राशि कमलनाथ सरकार के समय स्वीकृत की गई थी। इसके टेंडर होने थे लेकिन सरकार बदलने के बाद ये निर्माण ठंडे बस्ते में चले गए। जुन्नारदेव विधायक सुनील उइके का कहना है कि पर्यटन स्थलों पर निर्माण कार्य शुरू कराने के लिए कई बार विधानसभा में प्रश्न लगाए गए। इसका जवाब बजट न होना बताया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार पर्यटन स्थलों में सुविधाएं देने ध्यान नहीं दे रही है। यदि इन स्थलों पर विश्राम गृह समेत अन्य संसाधन विकसित होते तो पर्यटकों का उत्साह बढ़ता।
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पर्यटन स्थलों का नहीं हो पाया विकास
परासिया विधायक सोहन बाल्मीकि का कहना है कि विधानसभा क्षेत्र में देवरानी दाई, खेड़ापति मंदिर, कोसमी मंदिर में पर्यटन सुविधाएं देने के लिए 8 करोड़ रुपए स्वीकृत कराए थे। इसके टेंडर होने थे लेकिन आगे काम आगे नहीं बढ़ पाया। केवल एक करोड़ 27 लाख रुपए खेड़ापति मंदिर के आए। शेष प्रस्ताव ठंडे बस्ते में पड़े हैं।
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दो साल से नहीं बने सुविधाओं के प्रस्ताव
कमलनाथ सरकार के समय जिले के पर्यटन स्थलों पर सुविधाएं विकसित करने पर ध्यान दिया गया था। वर्ष 2020 में सरकार गिरने के बाद इसका बजट ही नहीं आया। शिवराज सरकार के कार्यकाल में पर्यटन स्थलों पर विकास के नए प्रस्ताव नहीं बने। इससे ये क्षेत्र उपेक्षित रहा। पर्यटन के नोडल अधिकारी बलराम राजपूत का कहना है कि पर्यटन स्थलों के विकास के प्रस्ताव मप्र पर्यटन विकास निगम को भेजे जाएंगे।
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पर्यटन स्थलों पर खोल सकते हैं दीदी कैफे
जिला पंचायत में ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्व-सहायता समूह का एक दीदी कैफे जुन्नारदेव में खोला गया है। ये प्रयोग पर्यटन स्थलों पर किया जाए तो स्थानीय स्तर पर पर्यटकों को स्वल्पाहार और ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिल सकता है।
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