यह है नियम – ऐसे डॉक्टरों पर की जा सकती है सख्त कार्रवाई
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निर्देशानुसार शासकीय स्वास्थ्य विभाग का कोई डॉक्टर किसी नर्सिंग होम अथवा निजी अथवा निजी चिकित्सालय में जा कर प्रेक्टिस नहीं कर सकता है। हालांकि मुख्यालय पर अपने निवास पर प्रेक्टिस कर सकता है।
यदि कोई डॉक्टर निजी संस्था में जाकर सेवा देता है अथवा ऑपरेशन करता है तो मप्र सिविल सेवा आचरण नियम १९६५ के नियम १६ के उपनियम चार का उल्लंघन माना जाता है, जो कि दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
मांगी है जानकारी
शासन का उक्त आदेश पहले भी कई बार आ चुका है। हालांकि जिले में संचालित निजी हॉस्पिटल और नर्सिंग होम्स संचालकों को पत्र लिखकर शासकीय डॉक्टरों द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी मांगी गई है। सूचना आने के बाद संदिग्ध संस्थाओं पर कार्रवाई की जा सकती है।
डॉ. जेएस गोगिया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी