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शासन के इस निर्देश से सहमा हुआ है चिकित्सकीय अमला, जानें वजह

locationछिंदवाड़ाPublished: Oct 13, 2018 11:17:04 am

Submitted by:

Dinesh Sahu

सीएमएचओ को दिए निर्देश: स्वास्थ्य विभाग तैयार कर रहा कुंडली, शासकीय चिकित्सकों को निजी हॉस्पिटल में सेवा देना पडेग़ा भारी

This rule has been confirmed by the Dental Laboratory

ऐसे डॉक्टरों पर की जा सकती है सख्त कार्रवाई

छिंदवाड़ा. शासकीय चिकित्सालयों में कार्यरत डॉक्टरों को निजी नर्सिंग होम या हॉस्पिटल में सेवा देना महंगा पड़ सकता है। चिकित्सा अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत एेसे डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। मप्र स्वास्थ्य संचालनालय ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से निजी हॉस्पिटलों अथवा नर्सिंग होम्स में अनाधिकृत रूप से कार्य कर रहे शासकीय चिकित्सकों की जानकारी मांगी है। साथ ही निजी हॉस्पिटल या नर्सिंग होम में सेवाएं देने पर सम्बंधित डॉक्टरों को कितना मानदेय दिया जा चुका है, यह भी बताना होगा। विभाग ने निजी हॉस्पिटल और नर्सिंग होम्स को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा है।

यह है नियम – ऐसे डॉक्टरों पर की जा सकती है सख्त कार्रवाई
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निर्देशानुसार शासकीय स्वास्थ्य विभाग का कोई डॉक्टर किसी नर्सिंग होम अथवा निजी अथवा निजी चिकित्सालय में जा कर प्रेक्टिस नहीं कर सकता है। हालांकि मुख्यालय पर अपने निवास पर प्रेक्टिस कर सकता है।
यदि कोई डॉक्टर निजी संस्था में जाकर सेवा देता है अथवा ऑपरेशन करता है तो मप्र सिविल सेवा आचरण नियम १९६५ के नियम १६ के उपनियम चार का उल्लंघन माना जाता है, जो कि दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।

मांगी है जानकारी


शासन का उक्त आदेश पहले भी कई बार आ चुका है। हालांकि जिले में संचालित निजी हॉस्पिटल और नर्सिंग होम्स संचालकों को पत्र लिखकर शासकीय डॉक्टरों द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी मांगी गई है। सूचना आने के बाद संदिग्ध संस्थाओं पर कार्रवाई की जा सकती है।

डॉ. जेएस गोगिया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी

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