scriptसीएम की घोषणा के बीच वेकोलि का यह पेंच | This screw of Waikolis between CM announces | Patrika News

सीएम की घोषणा के बीच वेकोलि का यह पेंच

locationछिंदवाड़ाPublished: Jan 02, 2019 11:43:49 am

Submitted by:

manohar soni

मुख्यमंत्री के लीज निरस्त करने के बयान के बाद कोयलांचल में हलचल,खनिज विभाग देख रहा संभावनाएं

wcl

wcl


छिंदवाड़ा.वेकोलि की बंद खदानों की लीज निरस्त करने के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान के बाद कोयलांचल के पेंच-कन्हान एरिया में हलचल बढ़ गई है। इस बीच यह तथ्य सामने आया है कि बंद खदानों की लीज रिनुअल भले ही नहीं हुई हो लेकिन इसका लीज रेंट का भुगतान वेकोलि राज्य शासन को करती है। एेसे में खनिज विभाग इस मामले में सरकारी गाइड लाइन का इंतजार कर रहा हैं।
कोयलांचल के पेंच एरिया में स्वीकृत 38 लीज में से वर्तमान में केवल छह में कोयला खदान संचालित है तो वहीं कन्हान एरिया में 29 में से 9 कोयला खदानें चालू बताई गई है। बंद खदानों की जमीन का सहीं उपयोग न होने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वेकोलि के अधिकारियों को भोपाल बुलाया था और बैठक की थी। इसके बाद सीएम ने प्रेस कान्फ्रेंस में वेकोलि की इन बंद खदानों की लीज राज्य शासन द्वारा निरस्त करने की बात कहीं थी और प्रदेश में लैण्ड अथॉरिटी प्राधिकरण के गठन के बाद इसका सदुपयोग करने का बयान दिया था। इस बयान के बाद कोयलांचल के लोग खुश बताए गए हैं। इधर,खनिज विभाग में इस पर विचार-विमर्श हो रहा है। वजह यह है कि वेकोलि हर साल करीब 60 करोड़ रुपए का राजस्व राज्य शासन को उपलब्ध कराता है। इनमें बंद खदानों की लीज रेंट की राशि भी होती है। हालांकि इन खदानों की लीज 20 साल पहले समाप्त हो गई है। उस लीज को बढ़ाने के नाम पर यह भुगतान होता है। फिलहाल मुख्यमंत्री के बयान के बाद स्थानीय अधिकारियों को इसकी भोपाल से गाइड लाइन का इंतजार हैं।
….
वेकोलि के स्वामित्व से नहीं बन रहे पीएम आवास
कोयलांचल में खदानों की लीज का मुद्दा हमेशा से विवादों में रहा है। दशकों पूर्व कोयला खदाने बंद हो चुकी है। कई ग्राम ऐसे है जहां खदाने बंद है और वेकोलि की कोई गतिविधि संचालित नहीं है लेकिन खसरा नक्शा में वेकोलि का कब्जा अथवा स्वामित्व बताने के कारण विकास एवं निर्माण कार्य नहीं हो पा रहे हैं। विशेष रूप से प्रधानमंत्री आवास और मुख्यमंत्री आवास का निर्माण नहीं हो पा रहा है। चांदामेटा नगर में लगभग एक सौ पचास मकान इसलिए नहीं बन पा रहे है क्योंकि लोगों को जमीन का पट्टा नहीं मिल पा रहा है।

सीएम के ध्यान देने से जागी उम्मीदें
परासिया, रावनवाड़ा,चांदामेटा, बरकुही,भमोड़ी, जाटाछापर, सुकरी, जुन्नारदेव, कोल्हिया, दमुआ जैसे दर्जन भर ग्राम है जहां खदानें बंद हो चुकी है। इन जगहों पर दशकों से लोग अपना घर बनाकर रहते हैं। कई स्थानों पर व्यापार के लिए दुकानें खोल ली गई है लेकिन शासन के नियम होने के बाद भी वेकोलि द्वारा अनापत्ति नहीं देने से पट्टा नहीं बन पा रहा है। दमुआ का मामला सर्वविदित है। मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा इसे संज्ञान में लेने के बाद कोयलांचल निवासियों में आशा की नई किरण जागी है।
….
इनका कहना है..
जिले में बंद कोयला खदानों की लीज के बारे में जानकारी मुख्यमंत्री को दी गई है। इस पर जैसे दिशा-निर्देश आएंगे,इस पर अमल किया जाएगा।
-मनीष पालेवार,जिला खनिज अधिकारी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो