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संधि वात और त्वाचा रोग के लिए यह थेरेपी वरदान, पढें़ पूरी खबर

locationछिंदवाड़ाPublished: Dec 20, 2018 11:40:55 am

Submitted by:

Dinesh Sahu

जिला अस्पताल के आयुष विंग में 50 से अधिक मरीजों की चिकित्सा, जोंक थेरेपी संधिवात और त्वचा रोग में कारगर

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छिंदवाड़ा. जिला अस्पताल में आयुष विंग पंचकर्म थेरेपी सेंटर में पिछले कुछ महीनों में जोंक थेरेपी से लगभग 50 से अधिक मरीजों का सफल इलाज किया जा चुका है। आयुष विंग में पदस्थ विशेषज्ञ आयुर्वेद डॉ. प्रियंका धुर्वे और आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. नितिन टेकरी द्वारा जोंक थेरेपी से बीमारी जैसे आमवात, संधिवात, गठियावात, सियाटिका, त्वचा रोग मुंहासे, एक्जिमा, सोरायसिस, वेरीकोज, वेन, एलोपेसिया, हाइपरटेंशन और ह्रदय रोग आदि का इलाज किया जा रहा है।

डॉ. प्रियंका धुर्वे ने बताया कि जोंक थेरेपी चिकित्सा आचार्य सुश्रुत की सुश्रुत संहिता में वर्णित प्राचीन चिकित्सा है, जिसमें जोंक को प्रभावित स्थान पर लगाया जाता है, जहां से वह अशुद्ध रक्त को चूस कर बाहर निकालती है। साथ ही शुद्ध रक्त के परिवहन को बढ़ाती है। जोंक के लालास्त्राव में विभिन्न प्रकार के बायो एक्टिव एंजाइम्स होते हैं जैसे कि हीरुडीन एकैलीन, इन्हींबीटर ऑफ कैलीक्राइन
हिस्टामिन लाइक, सब्सटेंस हाइलु रोनीडेज, एंजाइम एकॉलेजिनेस जैसे थक्का रोधी एंजाइम्स होते हैं जो रक्त को पतला कर रक्त परिवहन को बढ़ाकर ऊतकों की हीलिंग में सहायक होते हैं। इसके अलावा जोंक के लालास्त्राव में कई संज्ञाहर दर्द व शोथ निवारक एंटीबैक्टीरियल एंजाइम्स जैसे एगलीन बदलीन आदि भी पाए जाते हैं जिनके द्वारा जोंक चिकित्सीय कार्य करती है।
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