पीडि़त संजय पाटिल ने बताया कि नीट परीक्षा में सफलता हासिल करने पर उनके बेटे सूरज को छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा शिक्षा अध्ययन के लिए अलॉट किया गया है, लेकिन दस्तावेज सत्यापन के लिए गठित कमेटी उज्जैन एसडीएम द्वारा जारी अन्य पिछड़ा वर्ग के नॉन क्रीमिलेयर प्रमाण-पत्र को मान्य नहीं कर रही है।
इसकी वजह से बच्चे की प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। पीडि़तों ने बताया कि मामले में डीन या कमेटी किसी प्रकार की मदद नहीं कर रही है तथा मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताडि़त होने का आरोप लगाया है। इधर मामले में डीएमइ डॉ. श्रीवास्तव ने मामले को विभागीय प्रक्रिया बताया है।