बढ़चिंचोली पुलिस कर चुकी थी जांच यह जानकारी सोमवार को पुलिस आयुक्तालय में आयोजित पत्र-परिषद में अपराध शाखा पुलिस विभाग के उपायुक्त संभाजी कदम और सहायक पुलिस आयुक्त सोमनाथ वाघचौरे ने दी। उन्होंने बताया कि मादक पदार्थ विरोधी दस्ते के निरीक्षक आरडी निकम को गुप्त सूचना मिली थी कि पांढुर्ना में एक ढाबे के सामने मिनी ट्रक क्रमांक एचआर-69 -3790 कुछ दिनों से खड़ा है। उसमें कोई माल नहीं लदा है। बढ़चिंचोली पुलिस ने जांच की, लेकिन कुछ नहीं मिला। इधर नागपुर पुलिस ने मुखबिर को उस ट्रक पर नजर रखने को कहा। 24 सितंबर को ट्रक पांढुर्ना से नागपुर की ओर रवाना हुआ। मुखबिर ने बताया कि ट्रक नागपुर की ओर जा रहा है। मादक पदार्थ विरोधी दस्ते के निरीक्षक निकम ने सहयोगियों के साथ कोराड़ी में ट्रक को पकडऩे की योजना बनाई। पुलिस का कहना है कि रविवार को शाम के समय कोराडी क्षेत्र में ट्रक चालक वाहन छोडक़र फरार होने में सफल हो गया।
ऐसे छिपा रखा था गांजा पुलिस ने खड़े ट्रक की तलाशी ली। यहां भी कुछ नहीं मिला पर ट्रक के अंदर से गांजे की गंध आ रही थी। पुलिस परेशान हो गई। पुलिस ने मुखबिर से कहा कि ट्रक में तो कुछ नहीं है। तब मुखबिर ने अच्छी तरह से तलाशी लेने को कहा। पुलिस समझ नहीं पा रही थी कि माल कहां है। पुलिस ने ट्रक के अंदर दीवारनुमा प्लायवुड के एक पल्ले को खोला तो आंखें फटी रह गईं। अंदर गांजे की खेप भरी पड़ी थी। गांजे की पैकिंग इतनी जोरदार तरीके से की गई थी कि बाहर बहुत कम गंध आ रही थी। ट्रक के अंदर चार प्लायवुड के पल्ले थे। सभी के अंदर गांजा भरा मिला। ट्रक की बॉडी के अंदर के प्लेटफॉर्म को लोहे के सांचे से तैयार किया गया था।
ओडिशा से लाया जा रहा था माल पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह माल ओडिशा से लाया जा रहा था। मुखबिर ट्रक का पीछा कर रहा था, कदाचित शक होने पर चालक कोराड़ी परिसर में तालाब किनारे ट्रक खड़ा कर फरार हो गया। इस वर्ष में पुलिस की यह बड़ी कार्रवाई है। इसी बीच संभाजी कदम ने अपराध शाखा पुलिस विभाग में रिपिटर्स कर्मियों के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा कि कुछ लोगों की छंटाई कर दी गई है। बाकी लोगों की छंटाई भी जल्द कर दी जाएगी।