समय के अनुसार अपनाएं खेती के ये तरीके
छिंदवाड़ाPublished: Mar 13, 2018 11:23:23 pm
उद्यानिकी फसलों को लेकर दिया प्रशिक्षण
Training of horticultural crops
जमुनिया में दो दिन के कार्यक्रम में आए जिले के ३५० किसान
छिंदवाड़ा . बदल रहा मौसम का चक्र और खेती के लिए प्रयोग में ली जा रही जमीन की कम होती उर्वरता फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता को प्रभावित कर रही है। अब ये जरूरी हो गया है कि बदलते समय के साथ खेती करने के पारम्परिक तरीकों को भी बदला जाए। इसी विषय पर आधारित उद्यानिकी फसलों पर दो दिनी मेला व प्रदर्शन उद्यानिकी विभाग की जमुनिया नर्सरी में सोमवार और मंगलवार को आयोजित हुआ।
जिले के सभी विकासखंडों से लगभग ३५० प्रगतिशील किसानों ने इस मेले में अपनी सहभागिता दी। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से संबद्ध कृषि विज्ञान केंद्र छिंदवाड़ा के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित हुआ।
जिला पंचायत अध्यक्ष कांता ठाकुर ने मेले का शुभारंभ किया। समापन अवसर पर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के महाप्रबंधक केके सोनी विशेष रूप से उपस्थित रहे। दो दिनी मेले में किसानों को उद्यानिकी फसलों को सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से लेने की सलाह दी गई। इसमें ड्रिप और मल्चिंग पद्धति का उपयोग करने के लिए कहा गया। प्रोटेक्टिव कल्टीवेशन के तहत ग्रीन हाउस और पाली हाउस के जरिए सुरक्षित और गुणवत्तायुक्त उत्पादन लेने के लिए भी प्रेरित किया गया। सबसे महत्वपूर्ण मृदा की संरचना कैसी हो इसमें सुधार कैसे किया जाए, इसके लिए रासायनिक दवाओं के बजाय जैविक उर्वरक, जैविक कीटनाशकों का उपयोग कर जैविक उत्पादन की तरफ किसानों की रुचि जाग्रत करने की कोशिश की गई। वक्ताओं ने जैविक फलोद्यान कैसे तैयार किया जा सकता है, यह भी बताया। मसालों की खेती के बारे में विशेष जानकारी दी गई।
कृषि विज्ञान केंद्र के विषय विशेषज्ञों ने जहां किसानों को तकनीकी जानकारी तो किसानों ने भी अपनी जिज्ञासाएं सामने रखी उस बारे में भी वैज्ञानिकों ने उन्हें सलाह दी। कार्यक्रम में केद्र के संचालक डॉ. सुंरेन्द्र पन्नासे, डॉ. भावरकर, उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक एनएस तोमर ने उपयोगी जानकारी दी। संचालन डॉ. आरके झाड़े ने किया।