छिंदवाड़ा

दीपोत्सव के पहले ट्रेनें हो रहीं लेट, जानें वजह

दीपोत्सव को लेकर लोगों का आना-जाना शुरू हो गया है।

छिंदवाड़ाOct 14, 2017 / 05:39 pm

Rajendra Sharma

train: TTE assault in godan express

छिंदवाड़ा/नागपुर. दीपोत्सव को लेकर लोगों का आना-जाना शुरू हो गया है। ऐसे में ट्रेनों में भीड़ के बाद लेट-लतीफी तकलीफें बढ़ा रही है।
नागपुर जंक्शन पर गुरुवार को आने वाली आधा दर्जन से ज्यादा गाडिय़ां घंटों लेट रहीं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। पहले से कलमना डबलिंग के लिए लिए जा रहे ब्लॉक के कारण महत्वपूर्ण गाडिय़ां नागपुर स्टेशन पर नहीं पहुंच रही है। अजनी से यात्रियों को इन गाडिय़ों में बैठना पड़ रहा है। ऐसे में जो गाडिय़ां नागपुर में पहुंचती हैं, वह भी लेट होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
ब्लॉक के कारण देरी
रेलवे के सूत्रों की मानें तो विभिन्न जगहों पर रेल पटरियों को मरम्मत करने के लिए लिए जा रहे ब्लॉक के कारण भी गाडिय़ां लेट हो रहीं हैं, लेकिन इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। गाड़ी बरौनी-एर्नाकुलम एक्सप्रेस 12 घंटे, 12879 लोकमान्य-तिलक भुवनेश्वर ए. 4.15 घंटे, 16360 एर्नाकुलम-पटना एक्सप्रेस 6.30 घंटे, 02649 यशवंतपुर-निजामुद्दीन एक्सप्रेस 3.30 घंटे, 12146 मुंबई-एलटीटी पुरी एक्सप्रेस 30 मिनट, 12226 दानापुर-बंगलुरु संघमित्रा एक्सप्रेस 40 मिनट, 12577 दरभंगा-मैसूर एक्सप्रेस 45 मिनट, 12859 मुंबई-हावड़ा गीतांजलि एक्सप्रेस 1.12 घंटे और 12834 हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस 30 मिनट लेट रही।
बियर के नशे में शराब तस्कर पहुंचे स्टेशन

नागपुर. सिकंदराबाद से नागपुर आ रही एक्सप्रेस ट्रेन में बियर की तस्करी कर रहे तस्कर खुद ही चार बोतल बियर गटक गए, जिससे नशे की हालत में वे चंद्रपुर उतरने की बजाय नागपुर पहुंच गए। यहां आने पर पुलिस की गिरफ्त में आ गए। यह जानकारी स्वयं आरपीएफ की पूछताछ में आरोपियों ने दी।
2 वर्षों में आरपीएफ ने 50 लाख रुपए से ज्यादा की शराब पकड़ी है। अब तक मुंबई की ओर से आने वाली एक भी ट्रेन शराब या बियर की तस्करी नहीं पकड़ी गई है, क्योंकि शराब तस्करी शराब बंदी जिले वर्धा व चंद्रपुर की ओर जानेवाली गाडिय़ों में होती है। यह गाडिय़ां नागपुर होते हुए जाती हैं। पकड़ी गई बियर पहली बार विपरीत दिशा से आने वाली गाड़ी में हुई है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि शराब बंदी जिले में शराब चार गुना ज्यादा दाम पर बेची जाती है। यानी यहां मिलनेवाली 25 रुपए की छोटी बोतल 120 रुपए में बेची जाती है। इससे शराब तस्करों को मोटा मुनाफा होता है। वर्धा व चंद्रपुर जिले में शराब बंदी होने से यहां विभिन्न दिशाओं से शराब लाकर बेची जाती है। इसके लिए तस्कर ट्रेनों का सहारा लेते हैं। इटारसी की ओर से आने वाली गाडिय़ों के जनरल बोगियों में शराब की तस्करी की जाती है। वहीं मुंबई और चेन्नई की ओर से इन जिलों में शराब तस्करी की जाती है। गाड़ी नंबर 12771 में बियर मिलने से आरपीएफ के जवान हैरान थे। जब बियर की पेटियां खोली गईं, तो सारी बात समझ में आई। दरअसल आरपीएफ के हाथ 3 पेटी लगी। एक पेटी में 12 बोतलें रहती हैं। जबकि एक पेटी में 4 बोतलें कम थीं। इसके अलावा दो अन्य कार्रवाई में भी शराब और तंबाकू के पैकेट पकड़े गए। जिसमें ट्रेन क्रमांक 16032 एपी एक्सप्रेस में 100 बोतल व ट्रेन नंबर 12616 जीटी एक्सप्रेस में 60 तंबाकू के पैकेट पकड़े गए।
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