scriptTransfers: मुख्यमंत्री के गृह जिले में आने से कतरा रहे हैं अधिकारी | Transfers: Officers are reluctant to come to the CMs home district | Patrika News

Transfers: मुख्यमंत्री के गृह जिले में आने से कतरा रहे हैं अधिकारी

locationछिंदवाड़ाPublished: Sep 20, 2019 11:45:09 am

Submitted by:

prabha shankar

शासन ने 31 अगस्त को छिंदवाड़ा विवि के प्रारम्भिक कार्य के संचालन के लिए एक उपकुलसचिव एवं तीन सहायक कुलसचिव का किया था स्थानांतरण

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Irony: The plan fades, people wandering in CM’s district

छिंदवाड़ा/ राज्य शासन द्वारा उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत नवीन परम्परागत संचालित छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के प्रारम्भिक कार्य संचालन के लिए 31 अगस्त को एक उप कुलसचिव एवं तीन सहायक कुलसचिव की नियुक्ति तो कर दी गई, लेकिन अब तक चार में से महज एक ने ही ज्वाइनिंग करने में दिलचस्पी दिखाई है। सूत्रों की मानें तो अधिकारी मुख्यमंत्री के गृह जिले में आने से कतरा रहे हैं। वहीं बड़े शहर से छोटे शहर में न आना भी एक कारण है।
गौरतलब है कि शासन ने इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से उपकुलसचिव अजय वर्मा, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से सहायक कुलसचिव दशरथ गौड़, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर से सहायक कुलसचिव यूएस सालसेकर एवं बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल से सहायक कुलसचिव मनोज भटनागर को छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय में स्थानांतरित किया था। हालांकि जिस उद्देश्य के साथ चारों अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया वह अब तक मूर्त रूप नहीं ले सका है।
16 दिन बाद जबलपुर विवि से आए दशरथ
सूत्रों की मानें तो चार में से दो अधिकारी छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय आना चाहते थे वहीं दो अधिकारी स्थानांतरण रुकवाने में लगे हुए हैं। 16 सितम्बर को रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से सहायक कुलसचिव दशरथ गौड़ ने छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय में ज्वाइन कर लिया है।
कुलपति के नियुक्ति का इंतजार, रुके हैं कार्य
शासन द्वारा छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के संचालन के लिए अब तक कुलपति की नियुक्ति भी नहीं की गई है। ऐसे में प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है। कुलपति के नियुक्ति के बाद ही उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके अलावा कुलपति द्वारा ही भोपाल में आयोजित होने वाली विश्वविद्यालय समन्वय समिति की बैठक में अधिनियम और परिनियम को प्रस्तुत किया जाएगा। समिति द्वारा छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के लिए बनाए गए अधिनियम एवं परिनियम पर मुहर लगाने के बाद क्रियान्वयन किया जाएगा। गौरतलब है कि छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के अधीन छिंदवाड़ा, सिवनी, बैतूल एवं बालाघाट के 120 शासकीय एवं अशासकीय कॉलेज होंगे।
18 जून को राजपत्र में हुआ था प्रकाशन
18 जून को मध्यप्रदेश राजपत्र में छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का प्रकाशन किया गया था। इसके पश्चात 22 जून को जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी वरदमूर्ति मिश्रा को छिंदवाड़ा विवि का कुलसचिव का अतिरिक्त पद्भार दिया गया। छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के लिए सारना में प्रशासन द्वारा 120 एकड़ जमीन भी आवंटित की गई। वहीं पीजी कॉलेज में छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के संचालन के लिए ऑफिस भी बनाया गया है जो जल्द ही पीजी कॉलेज के नए लाइब्रेरी भवन में स्थानांतरित हो जाएगी। वहीं बीते 24 जुलाई को उच्च शिक्षा विभाग ने छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय में प्रशासनिक एवं शैक्षणिक व्यवस्था बनाने के लिए तीन प्राध्यापक एवं दो क्लर्क की नियुक्ति भी की है।

नामांकन को लेकर असमंजस
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से सम्बद्ध जिले के शासकीय एवं अशासकीय कॉलेज विद्यार्थियों के नामांकन को लेकर असमंजस में हैं। उनका कहना है कि 30 सितम्बर विश्वविद्यालय ने आखिरी तिथि घोषित कर रखी है जबकि अब तक छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय को लेकर कोई निर्देश नहीं आए हैं। ऐसे में हम किस विश्वविद्यालय में प्रक्रिया आगे बढ़ाए यह समझ में नहीं आ रहा है।

चल रही है प्रक्रिया
&विश्वविद्यालय से नामांकन का मामला मेरे ध्यान में है। प्रक्रिया चल रही है। बीते दिन एक सहायक कुलसचिव ने ज्वाइन कर लिया है। सूचना मिली है कि शेष लोग सोमवार तक ज्वाइन कर लेंगे। ज्वाइन करने में विलम्ब की वजह पारिवारिक हो सकती है।
वरदमूर्ति मिश्रा, कुलसचिव, छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय

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