जीपीएस इसलिए है जरूरी
रेत के परिवहन करने वाले वाहनों में जीपीएस सिस्टम नहीं होने के कारण खनिज विभाग के लिए वाहनों के फेरों का पता लगाना, एक बड़ा सिरदर्द है। क्योंकि ट्रांजिट परमिट लेने के दौरान उसका निर्धारित समय तय हो जाता है। उस दौरान रेत खदान अथवा रेत के भंडारण क्षेत्र से परिवहन करने वाले वाहनों को परिवहन करना जरूरी होता है। उसके समाप्त होने पर वाहनों द्वारा परिवहन अवैध हो जाता है। जीपीएस लगने के बाद जहां खनिज विभाग को रजिस्टर्ड वैध परमिट वाले वाहनों की जानकारी होगी, वहीं परिवहन करने वाले वाहनों को अपनी सत्यता प्रमाणित करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
अब तक 7315 वाहन हो चुके हैं पंजीकृत
रेत समेत खनिज सम्पदा के परिवहन के लिए तय वाहनों को वाहन मालिक द्वारा
खनिज विभाग में पंजीकृत कराया जाता है। 30 जुलाई 2021 की स्थिति में अब तक 7315 वाहन पंजीकृत किए जा चुके हैं। इसमें 2019-20 में 1209, 2020-21 में 1186 और 2021-22 में 322 वाहन पंजीकृत किए गए। इन वाहनों में सबसे अधिक टै्रक्टर ट्रॉली, ट्रक व डम्पर शामिल हैं।
&नई नीति में रेत के परिवहन करने वाले वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाने के निर्बंधन का उल्लेख किया गया है, लेकिन इसके लिए राज्य सरकार अलग से नियम बनाकर लागू करेगी। अभी फि लहाल यह नियम लागू नहीं है।
मनीष पालेवार, जिला खनिज अधिकारी