कॉलेजों नहीं कर रहे बदलाव, सता रहा डर
कुछ कॉलेजों द्वारा नवप्रवेशित विद्यार्थियों के विषय या फिर संकाय बदलने को लेकर आनाकानी भी की जा रही है। दरअसल उच्च शिक्षा विभाग ने स्नातक एवं स्नातकोत्तर में न्यूनतम विद्यार्थियों की संख्या निर्धारित कर रही है। इस मापदंड पर अगर कॉलेज खरा नहीं उतरा तो फिर उस संकाय की मान्यता खत्म हो जाएगी। ऐसे में कॉलेज हर विषय में उच्च शिक्षा विभाग के मापदंड के अनुसार विद्यार्थियों की संख्या रखना चाहता है।
कुछ कॉलेजों द्वारा नवप्रवेशित विद्यार्थियों के विषय या फिर संकाय बदलने को लेकर आनाकानी भी की जा रही है। दरअसल उच्च शिक्षा विभाग ने स्नातक एवं स्नातकोत्तर में न्यूनतम विद्यार्थियों की संख्या निर्धारित कर रही है। इस मापदंड पर अगर कॉलेज खरा नहीं उतरा तो फिर उस संकाय की मान्यता खत्म हो जाएगी। ऐसे में कॉलेज हर विषय में उच्च शिक्षा विभाग के मापदंड के अनुसार विद्यार्थियों की संख्या रखना चाहता है।
बीते वर्ष विवि ने परीक्षा से किया था इंकार
इस संबंध में कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय द्वारा विषय समूह निर्धारित किया गया। उसी के अनुसार ही विद्यार्थियों को विषय चयन करना है। बीते वर्ष ऐसा न करने पर विश्वविद्यालय ने परीक्षा कराने से इंकार कर दिया था। इस वर्ष ऐसी स्थिति न बने इसलिए हम विश्वविद्यालय के नियम के अनुसार ही कार्य कर रहे हैं।
इस संबंध में कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय द्वारा विषय समूह निर्धारित किया गया। उसी के अनुसार ही विद्यार्थियों को विषय चयन करना है। बीते वर्ष ऐसा न करने पर विश्वविद्यालय ने परीक्षा कराने से इंकार कर दिया था। इस वर्ष ऐसी स्थिति न बने इसलिए हम विश्वविद्यालय के नियम के अनुसार ही कार्य कर रहे हैं।