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चिकित्सा क्षेत्र में सामने आए दो विवाद, पढ़ें पूरा मामला

locationछिंदवाड़ाPublished: Feb 17, 2019 12:29:14 pm

Submitted by:

Dinesh Sahu

डॉक्टर ने किया मृत घोषित, परिजन का मानने से इंकार, अस्पताल में तनाव तथा निजी एम्बुलेंस चालक ने लगाए गंभीर आरोप

Two disputes arising in the medical field, read the complete case

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छिंदवाड़ा. जिला अस्पताल की ट्रामा यूनिट में शनिवार शाम चार बजे तनाव की स्थिति निर्मित हो गई। इसकी वजह हादसे में घायल मरीज को डॉक्टर द्वारा मृत घोषित किया जाना बताया जाता है। हालांकि डॉक्टर ने इसीजी जांच परीक्षण के बाद ही मरीज की मौत की घोषणा की थी, लेकिन परिजन उनकी बात पर संतुष्ट नहीं थे। इसके चलते उन्होंने शवगृह में रखे शव का पूरी तरह से पड़ताल की तथा शरीर में लगे चोट के निशानों को देखा। जिसके बाद सभी संतुष्ट हुए तथा डॉक्टर ने पोस्टमाटम की कार्रवाई पूरी की।
घाट परासिया के पास एक्सीडेंट के बाद गम्भीर रूप से घायल को लाए थे अस्पताल


दरअसल मैनीखापा निवासी राम पिता भंगीप्रसाद सूर्यवंशी (28) का घाट परासिया के पास एक्सीडेंट हो गया। इसकी वजह से वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। उपचार के लिए उसे परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। बताया जाता है कि मृतक ग्राम कौडिय़ा से पांढुर्ना की ओर जा रहे थे, इसी दौरान बस ने उन्हें टक्कर मार दी।
इमरजेंसी ड्यूटी कर रहे डॉ. दीपेंद्र सलामे ने बताया कि परिजन मरीज को मृत अवस्था में ही लेकर आए थे। चिकित्सा परीक्षण के समय लोगों की भीड़ एकत्रित होने तथा तनाव की स्थिति निर्मित होने पर उन्होंने अस्पताल पुलिस से व्यवस्था बनाने के लिए कहा था।

सिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों की पुलिस में शिकायत

सिटी हॉस्पिटल में भर्ती मरीज को उच्चस्तरीय उपचार के लिए नागपुर नहीं ले जाने की बात पर डॉक्टरों ने निजी एम्बुलेंस संचालक से विवाद करने का मामला सामने आया है। इसकी लिखित शिकायत एंबुलेंस संचालक रत्नाकर पिता केशव राव ठाकरे ने शनिवार को कोतवाली पुलिस में दर्ज कराई है। पीडि़त रत्नाकर ने बताया कि शुक्रवार रात करीब 11 बजे सिटी हॉस्पिटल में भर्ती मरीज को नागपुर ले जाने के लिए परिजन ने उसे फोन कर बुलाए जाने पर वह गया था। इसी बीच डॉ. राहुल दुबे तथा डॉ. अमित राहंगडाले ने उससे दुव्र्यवहार किया।

साथ ही आरोप लगाया कि वह जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को उनके पास नहीं लाता, जिसके कारण मरीज को उसे नहीं ले जाने देंगे। इधर डॉ. राहुल दुबे ने उन पर लगाए सभी आरोपों को गलत बताया तथा डॉ. अमित राहंगडाले ने बताया कि निजी एंबुलेंस संचालक मरीज के परिजन को गुमराह कर नागपुर के निजी हॉस्पिटल में कमीशन के चक्कर में ले जाने का प्रयास कर रहा था। दोनों डॉक्टरों ने बताया कि उन्होंने किसी प्रकार की गालीगलौज या धमकी नहीं दी है। दावा किया जा रहा है कि मरीज के परिजन ने भी इस बात का लिखित समर्थन दिया है।
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