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यूनिफॉर्म और पाठ्य सामग्रियों की खरीदी में मची लूट, जानें पूरा मामला

locationछिंदवाड़ाPublished: Jul 08, 2019 12:29:41 pm

Submitted by:

Dinesh Sahu

लापरवाही: कार्रवाई के डर से पालक भी नहीं कर पा रहे शिकायत

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यूनिफॉर्म और पाठ्य सामग्रियों की खरीदी में मची लूट, जानें पूरा मामला

छिंदवाड़ा. शिक्षा का नवीन सत्र शुरू होते ही जिले में यूनिफॉर्म और अध्ययन सामग्रियों के दामों ने पालकों की जेब में डाका डालना शुरू कर दिया है। सबसे ज्यादा शिकायतें निजी स्कूलों की सामने आ रही हैं, लेकिन बच्चों के खिलाफ स्कूल प्रबंधन कोई कार्रवाई न करे, इस भय से पालक भी शिकायत नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि महंगाई की मार झेल रहे पालकों के माथे की शिकन यह साबित कर रही है।

पालकों का कहना है कि निजी स्कूलों में लगने वाली यूनिफॉर्म किसी दुकान विशेष से ही मिलती है। इस दुकानों पर यूनिफॉर्म, किताबें या अन्य पाठ्य सामग्री मनमाने दामों पर दी जाती है।उल्लेखनीय है कि उक्त गोरखधंधा वर्षों से चला आ रहा है, लेकिन अब तक शासन ने इसके लिए कोई नीति या नियंत्रण की रूपरेखा तैयार नहीं की है, इसे लेकर पालकों में रोष व्याप्त है।

शिक्षा का अधिकार अधिकार अधीनियम के तहत निजी स्कूलों में पढऩे के लिए चयनित बच्चों के पालकों को सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य शिक्षा केंद्र के माध्यम से आरटीइ के तहत प्रति छात्र के हिसाब से 4640 रुपए स्कूल को दिए जाते हैं, लेकिन यूनिफॉर्म, पाठ्य पुस्तकें, जूते-मौजे समेत अन्य सामग्रियों की खरीदी तो पालकों को ही करनी पड़ती है। निजी स्कूलों के स्तर के अनुरूप इन सभी चीजों की कीमत कहीं ज्यादा होती है।
ऐसे जो पालक आर्थिक कमजोरी के चलते अपने बच्चों को शिक्षा का अधिकार के अंतर्गत प्रवेश दिलाते हैं वे अन्य सामग्रियों की खरीदी का बोझ कैसे वहन करते होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। इस संदर्भ में डीपीसी जीएल साहू ने बताया कि शासन की गाइडलाइन के अनुसार आरटीइ के तहत चयनित बच्चों की फीसपूर्ति ही की जाती है। शासन के निर्देशानुसार विभाग अन्य सामग्रियों की व्यवस्था के लिए कुछ नहीं कर सकता।

स्कूलों के लिए लगने वाली नियमित यूनिफॉर्म का मूल्य 1000 से 1500

प्रति जोड़ी स्कूलों के लिए खेल यूनिफॉर्म का मूल्य 1000 से 1500

प्रति छात्र दो जोड़ी जूते-मौजे लगते है, जिसका मूल्य 800 से 1200
के.जी. स्तर के बच्चे की कुल किताबों का मूल्य 800 से 1500

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