पालकों का कहना है कि निजी स्कूलों में लगने वाली यूनिफॉर्म किसी दुकान विशेष से ही मिलती है। इस दुकानों पर यूनिफॉर्म, किताबें या अन्य पाठ्य सामग्री मनमाने दामों पर दी जाती है।उल्लेखनीय है कि उक्त गोरखधंधा वर्षों से चला आ रहा है, लेकिन अब तक शासन ने इसके लिए कोई नीति या नियंत्रण की रूपरेखा तैयार नहीं की है, इसे लेकर पालकों में रोष व्याप्त है।
शिक्षा का अधिकार अधिकार अधीनियम के तहत निजी स्कूलों में पढऩे के लिए चयनित बच्चों के पालकों को सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य शिक्षा केंद्र के माध्यम से आरटीइ के तहत प्रति छात्र के हिसाब से 4640 रुपए स्कूल को दिए जाते हैं, लेकिन यूनिफॉर्म, पाठ्य पुस्तकें, जूते-मौजे समेत अन्य सामग्रियों की खरीदी तो पालकों को ही करनी पड़ती है। निजी स्कूलों के स्तर के अनुरूप इन सभी चीजों की कीमत कहीं ज्यादा होती है।
स्कूलों के लिए लगने वाली नियमित यूनिफॉर्म का मूल्य 1000 से 1500 प्रति जोड़ी स्कूलों के लिए खेल यूनिफॉर्म का मूल्य 1000 से 1500 प्रति छात्र दो जोड़ी जूते-मौजे लगते है, जिसका मूल्य 800 से 1200