स्कूलों को बंद या प्रारम्भ नहीं कर पाएंगे कलेक्टर
छिंदवाड़ा•May 11, 2019 / 01:24 am•
prabha shankar
कलक्टर अंकल ने समझी बच्चों की परेशानी, गर्मियों में बदला स्कूलों का समय
छिंदवाड़ा. मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला स्तर पर संचालित शासकीय प्राथमिक तथा माध्यमिक स्कूलों को बंद या प्रारम्भ करने की व्यवस्था को समाप्त कर दिया है वहीं शून्य दर्ज संख्या या अन्य वजह से कोई स्कूल को बंद करने से पहले राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल से अनुमोदन लेना अनिवार्य कर दिया है। मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग उप सचिव प्रमोद सिंह के निर्देशानुसार निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम २००९ के तहत आवश्यकता होने पर शाला को बंद या प्रारम्भ करने के लिए कलेक्टर द्वारा प्रस्ताव राज्य शिक्षा केंद्र को प्रेषित किया जाएगा, जिसके आधार पर राज्य शिक्षा केंद्र उक्त सम्बंध में निर्णय लेगा। जिला शिक्षा केंद्र के अनुसार पूर्व में उक्त संदर्भ में जिला इकाई समिति द्वारा निर्णय लिया जाता था तथा समिति द्वारा लिए गए निर्णय को अमलीजामा पहनाने के लिए कलेक्टर को प्रस्तुत किया जाता था।
३२ स्कूलों को बंद करने का निर्णय लम्बित
जिला शिक्षा केंद्र अंतर्गत आने वाले ३२ प्राथमिक स्कूलों में दर्ज संख्या शून्य रहने से विभाग ने सम्बंधित स्कूलों को बंद करने का प्रस्ताव जिला इकाई समिति के पास भेजा था। फिलहाल इसके लिए कोई निर्णय नहीं लिया गया है। आरटीइ के तहत २६ मार्च २०११ में पड़ोस की सीमा में प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों का निर्धारण करते हुए प्रदेश में लगभग ३३५० स्कूलों को बंद या मर्ज करने की कार्रवाई की गई, लेकिन जिलास्तर से नवीन संस्थाओं को प्रारम्भ या बंद करने की कार्रवाई राज्यस्तर पर लम्बित रहने तथा पोर्टल पर अपडेट नहीं करने से कई समस्या बनी रहती है। इसके चलते विभाग ने उक्त निर्णय लिया है।
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