साग-सब्जियों का रकबा होगा कम, सोयाबीन की होगी बोवनी
छिंदवाड़ाPublished: May 25, 2020 05:16:34 pm
सब्जियों के स्थान पर तीन साल बाद सोयाबीन फसल को किसान महत्व देंगे। इस साल सोयाबीन का रकबा बढ़ेगा।
लाक डाउन के कारण नहीं मिल रहे मजदूर
पांढुर्ना . खरीफ फसलों में इस साल साग सब्जियों की बोवनी कम होने की आशंका कृषि अधिकारियों ने व्यक्त की है। सब्जियों के स्थान पर तीन साल बाद सोयाबीन फसल को किसान महत्व देंगे। इस साल सोयाबीन का रकबा बढ़ेगा। अच्छी किस्म नहीं मिल पाने की वजह से किसानों ने सोयाबीन से दूरी बना ली थी। तीन सर्टिफाइड किस्में आने के कारण सोयाबीन की बोवनी में वृद्धि होगी।
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार किसानों ने मेहनत के साथ उगायी सब्ज्यिों को लॉकडाउन के कारण भारी नुकसान पहुंचा है। स्थानीय बाजार बंद रहने के साथ-साथ दूसरे महानगरों में भी सब्जियां नहीं पहुंच सकी। इस नुकसान की भरपाई करने के लिये किसान व्यावसायिक फसलों पर मेहनत करना पसंद करेगा। जिससे उसके नुकसान की भरपाई हो सके। अब तक लगभग 6 हजार एकड़ में गोभी की फसल ली जा रही थी। इसमें 20 प्रतिशत तक की कमी आने की आशंका है। मक्का की फसल को भी दाम नहीं मिल पाने की वजह से मक्का की बोवनी भी प्रभावित होगी।
मक्का की तीन किस्मों की बढ़ी मांग: मक्का की सर्टिफाइड तीन किस्मों की मांग बढ़ गई है। इसे सरकारी सप्लाई में अनुदान पर प्रदान करने की मांग की जा रही है। इनमें आरवीएस 2001-4, जे एस – 1029, जे एस 2034 को तीन वर्षों तक प्रेक्टिकल करने के बाद किसी प्रकार के रोग से नुकसान नही होने पर सर्टिफाइड किया गया है। किसानों ने कृषि विभाग से उपलब्ध कराने की मांग की है।
ज्वार का रकबा बढ़ेगा: मक्का के स्थान पर ज्वार का रकबा बढ़ेगा। पिछले दो वर्षों में ज्वार के दाम 2500 से तीन हजार रुपए तक पहुंचे है। जबकि इस साल मक्का को दाम नही मिल पाएं। ज्वार को इस क्षेत्र में पसंद किया जाता है।