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मुख्यमंत्री के आदेश का हो रहा उल्लंघन, एक बजे ही चले जाते है कर्मचारी

locationछिंदवाड़ाPublished: Jul 09, 2019 05:42:21 pm

सरकार ने अस्पताल खुलने का समय सुबह 9 से शाम 4 बजे तक तय किया है लेकिन एक बजते ही अस्पताल में सन्नाटा पसर जाता है और मरीज निराश होकर वापस लौट जाते है।

Violation of Chief Minister's order

Violation of Chief Minister’s order

परासिया. सरकारी स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता का कितना भी ढोल पीटा जाए लेकिन मैदानी हकीकत कुछ और है। विकासखंड का एकमात्र सिविल अस्पताल चांदामेटा में चिकित्सक दोपहर एक बजे ही चेंबर छोडकर चले जाते है।
सरकार ने अस्पताल खुलने का समय सुबह 9 से शाम 4 बजे तक तय किया है जिसके कारण दूरदराज से मरीज अस्पताल आते है लेकिन एक बजते ही अस्पताल में सन्नाटा पसर जाता है और मरीज निराश होकर वापस लौट जाते है।
सोमवार को दोपहर एक बजे अस्पताल पहुंचे चांदामेटा निवासी विजय सिंह ने बताया कि चिकि त्सक सहित पूरा स्टाफ चला गया था। सभी कांउटर बंद कर दिए गये और मरीजों को जरूरी होने पर परासिया जाने या मंगलवार को अस्पताल आने की सलाह दी गई। बडकुही से आई मरीज संगीता ने बताया कि अधिकांश मेडिकल स्टाफ मुख्यालय के बाहर से आना जाना करते है इसलिए वह दोपहर होते ही चले जाते है। अस्पताल कर्मियों का कहना है कि जब डॉक्टर ही नहीं रहते है तो वह क्या करेंगे इसलिए वह भी कांउटर बंद कर देते है।

शोभा की सुपारी बना तीस बिस्तर का अस्पताल
सिविल अस्पताल चांदामेटा तीस बिस्तर का अस्पताल है लेकिन यहां आने वाले मरीजों को हतोसाहित किया जाता है जिससे यहां भीड कम हो। अस्पताल में केवल सामान्य प्रसव कराया जाता है। अन्य मरीजों को मात्र 2 से 3 घंटे के लिए ही भर्ती किया जाता है। अस्तपाल में लाखों रूपये खर्च कर डिजीटल एक्सरे मशीन लगाई गई है लेकिन केवल इंस्टालेशन नहीं होने के कारण धूल खा रही है।
भमोड़ी निवासी संजय राय ने बताया कि सिविल अस्पताल में चिकित्सक विलंब से आते है और दोपहर में चले जाते है। महिला चिकित्सक के अक्सर डिलेवरी रूम में होने की बात कहकर इलाज में टालमटोल किया जाता है। रूपा कौर ने बताया कि वह इलाज के लिए दो दिन आई थी उनसे रोगी कल्याण समिति के नाम पर प्रतिदिन सौ रुपए जमा कराए गये जबकि केवल एक बाटल ग्लूकोज लगाया गया था। वैसे तो नियमानुसार राशि नहीं लेनी चाहिए थी। अस्पताल में अव्यवस्था तथा चिकित्सकों और स्टाफ की मनमानी के कारण मरीज इलाज कराना पसंद नहीं करते है।

सिविल अस्पताल के अलावा परासिया अस्पताल की शिकायत मिली है। चिकित्सक निर्धारित समय पर उपस्थित नहीं रहते है। इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी। अस्पताल में मरीजों को सभी सुविधाएं मिले यह सुनिश्चित किया जाएगा।
सोहन वाल्मिक, विधायक
&चांदामेटा अस्पताल में पदस्थ अधिकांश स्टाफ का रवैया मरीजों के प्रति ठीक नहीं है। इस संबंध में लगातार शिकायते मिल रही है। संबंधित अधिकारियो को पत्र लिखकर व्यवस्था बनाने की मांग की जाएगी।
हरिशचंद्र अग्रवाल, अध्यक्ष नप
&अस्पताल में चिकित्सक मौजूद रहते है कभी कभार महिला चिकित्सक डिलेवरी रूम में रहती है। मामला मेरे संज्ञान में आया था मैंने दिखवाया तो सभी मेडिकल स्टाफ उपस्थित था।
डॉ. जानकी सिंग, प्रभारी बीएमओ

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