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मुख्यमंत्री के शहर में उनकी ही सरकार का आदेश दरकिनार, लुट रही जनता

locationछिंदवाड़ाPublished: Jun 14, 2019 12:29:19 am

Submitted by:

prabha shankar

राज्य शासन के आदेश का हो रहा उल्लंघन

Violation of order of state government

Violation of order of state government

छिंदवाड़ा. तीस रुपए के डिजिटल खसरा नकल पर अफसर भी काम करने के लिए सहमत हैं फिर भी उसे नामांतरण व बंटवारा समेत अन्य प्रकरणों के आवेदनों में लोकसेवा केन्द्र के कर्मचारी खारिज करने में लगे हैं। इससे जरूरतमंद गरीबों को दोबारा राशि खर्च करनी पड़ रही है। इसके साथ ही राज्य शासन के आदेश का उल्लंघन हो रहा है।
राज्य शासन द्वारा जमीन की खसरा व बी-वन नकल के लिए दो तरह की व्यवस्थाओं को मान्यता दी गई है। पहला लोक सेवा प्रबंधन विभाग के अधीन लोकसेवा केंद्र में 80 रुपए में उपलब्ध नकल और दूसरी आइटी सेंटर की 30 रुपए की नकल। इन दोनों तरह की नकल का उपयोग लोग नामांतरण, बंटवारा समेत अन्य प्रकरणों में करते हैं। इन्हें छिंदवाड़ा तहसीलदार ने भी स्वीकार करना बताया है। अब समस्या यह है कि ये सभी आवेदन लोकसेवा केंद्र में लगते हैं। यहां के कर्मचारी कलेक्ट्रेट स्थित आइटी सेंटर से लाई गई खसरा नकल को खारिज कर देते हैं और उस जरूरतमंद पर 80 रुपए खर्च कर पुन: उस नकल को लोकसेवा केंद्र से हासिल करने का दबाव बनाते हैं। इससे खासकर गरीब किसानों और जरूरतमंदों को 110 रुपए खर्च करना पड़ता है। इसके साथ उनका एक दिन का समय भी खराब हो रहा है। लोकसेवा कर्मचारियों की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाई गई है।

मोहखेड़, परासिया में स्वीकार्य हो रही इ-नकल
जिला मुख्यालय को छोड़ दिया जाए तो मोहखेड़ और परासिया तहसील में भी खसरा की डिजिटल नकल आवेदनों में स्वीकार्य हो रही है। लोग आइटी सेंटर से 30 रुपए खर्च कर डिजिटल नकल निकाल रहे हैं और उसका उपयोग कर रहे हैं। अधिवक्ता शक्ति सिंह चौधरी का कहना है कि नामांतरण, बंटवारा और अन्य आवेदन में दोनों तरीके की नकल को स्वीकार्य किया जाना चाहिए ताकि जरूरतमंदों को परेशानी न हो। छिंदवाड़ा तहसील के अधीन लोकसेवा केंद्र में समस्या बनी हुई है।

इनका कहना है
तहसील छिंदवाड़ा में लगने वाले नामांतरण, बंटवारा समेत अन्य प्रकरणों में खसरा नकल डिजिटल भी मान्य है। लोकसेवा केंद्र से परेशानी हो रही है तो उसकी जांच करवाएंगे।
महेश अग्रवाल, तहसीलदार छिंदवाड़ा

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