सीएम के जिले में नगरीय निकाय आरक्षण में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का उल्लंघन
भाजपा जिलाध्यक्ष का आरोप

निकाय चुनाव के पूर्व आरक्षण पर राजनीति
छिंदवाड़ा/ मुख्यमंत्री कमलनाथ के जिले में निकाय चुनाव के पूर्व आरक्षण पर राजनीति हो रही है। भाजपा जिलाध्यक्ष का आरोप है कि छिंदवाड़ा जिले में नगरीय निकाय आरक्षण में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का उल्लंघन किया गया है।
जिला भाजपा अध्यक्ष विवेक बंटी साहू ने कहा कि निर्वाचन अधिकारी ने न्यूटन नगर परिषद में 15 वार्ड में से नौ वार्ड, चांदामेटा नगर परिषद में 15 वार्ड में से नौ वार्ड, बडक़ुही नगर परिषद में 15 वार्ड में से 10 वार्ड, परासिया नगरपालिका में 21 वार्ड में से 12 वार्ड अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किए हैं। इस तरह इन नगरीय निकायों में 50 प्रतिशत से अधिक वार्ड आरक्षित कर दिए गए।
यह उच्चतम न्यायालय द्वारा इंदिरा साहनी केस में दिए गए निर्णय के विरुद्ध है जिसके अनुसार किसी भी स्थिति में आरक्षण 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक नहीं हो सकता है। 2015 में इन्हीं स्थानीय निकायों के चुनाव में वार्डों के आरक्षण में उच्चतम न्यायालय के निर्णयानुसार ही वार्ड आरक्षित किए गए थे, लेकिन इस बार असंवैधानिक ढंग से आरक्षण की कार्यवाही की गई है। ऐसा लगता है कि प्रदेश सरकार हार के भय से स्थानीय चुनाव टालने के लिए आरक्षण में गलत प्रक्रिया अपना रही है जिससे फिर कोई आपत्ति आए एवं आरक्षण की कार्यवाही रद्द हो जाए और पुन: आरक्षण की प्रक्रिया करवानी पड़े जिससे चुनाव आगे बढ़ाया जा सके।
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