scriptसीएम गृह जिले में पानी को मोहताज | Water conservation in CM home district | Patrika News

सीएम गृह जिले में पानी को मोहताज

locationछिंदवाड़ाPublished: Mar 27, 2019 05:29:58 pm

अब मोरडोंगरी की सभा में सीएम के सामने जलाशय से नगर को पानी देने का विरोध दर्ज हुआ है।

Water conservation

Water conservation

पांढुर्ना. 17 मार्च को भंदारगोंदी में हुई मुख्यमंत्री कमलनाथ की सभा में सीताकुंड जलाशय निर्माण की मांग के बाद मंगलवार को ग्राम मोरडोंगरी में हुई सीएम की सभा में भी जलसंकट का शोर सुनाई दिया। इस पर ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के सामने मोरडोंगरी जलाशय से नगर की पेयजल समस्या के लिए पानी देने का विरोध दर्ज किया। सीएम की हर सभा में जलसंकट को लेकर अपेक्षित मांग की जा रही है। इससे पहले कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही उनसे कामठीकलां जलाशय का कार्य प्रारंभ करने की मांग तेज हो गई थी। इस बीच शासन की ओर से हुए पत्राचार के बाद कामठीकलां जलाशय को सीएम द्वारा स्वीकृति प्रदान किए जाने की बात कांग्रेस द्वारा कही गई। यह मामला शांत हुआ था कि 17 मार्च को कमलनाथ की भंदारगोंदी में हुई सभा में सीताकुंड जलाशय की मांग पेयजल और सिंचाई के लिए करने की पुरजोर मांग की गई। इस मांग के बाद डूब क्षेत्र में आने वाले चार गांवों के ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो वहीं ग्राम पंचायत गोरलीखापा ने इसका समर्थन किया।
अब मोरडोंगरी की सभा में सीएम के सामने जलाशय से नगर को पानी देने का विरोध दर्ज हुआ है। सभा में कांग्रेस के नेता भीमराव देशमुख ने कहा कि इस वर्ष जलाशय में कम पानी भरे जाने से किसानों ने एक ओर की नहर से ही सिंचाई की है। पानी को पीने के लिए बचाया गया है। शहर की पेयजल व्यवस्था के लिए पिछले दस वर्षों से राशि स्वीकृत है परंतु इसका उपयोग नहीं किया गया तो इसमें ग्रामीणों की क्या गलती है। हालांकि सीएम ने अपने उद्बोधन में इस पर कोई टिप्पणी नहीं की।

मोरडोंगरी से पानी लाने का प्रस्ताव चुनाव आयोग के पास
आचार संहिता लगने के अंतिम समय में नगर पालिका ने मोरडोंगरी जलाशय से ऋषि बाबा डैम तक पाइपलाइन बिछाकर पानी लाने का टेंडर लगाकर उसे स्वीकृति प्राप्त कर ली थी। इसका वर्क आर्डर जारी किया जाना है जिसका प्रस्ताव कलेक्टर के माध्यम से नगरीय प्रशासन विभाग को भेजा गया था जहां से इसे राज्य चुनाव आयोग के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है। मंगलवार को सीएमओ नवनीत पांडे ने मोही जलाशय और जूनेवानी जलाशय का निरीक्षण किया। जूनेवानी जलाशय का पानी जहां खत्म हो चुका है वहीं मोही से सिर्फ अप्रैल माह तक ही पानी लिया जा सकेगा। मई माह पांढुर्नावासियों के लिए बेहद परीक्षा वाला साबित होगा।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो