एक तो तपती दोपहरी ऊपर से ये मुसीबत
छिंदवाड़ाPublished: Jun 05, 2019 05:22:12 pm
ग्रामीण क्षेत्रों में गहराया जल संकट, दो से तीन किमी दूर से ला रहे पानी।
छिंदवाड़ा/चौरई . चौरई तहसील मुख्यालय से महज 5 किमी दूर चांद मार्ग पर स्थित ग्राम खूटपिपरिया में भीषण पेयजल संकट की स्थिति निर्मित हो गई है। नलजल योजना बन्द हो जाने के बाद ग्रामीण 2 से 3 किमी की दूरी तय कर खेतों से पेयजल लाने को विवश हो गए हैं कुछ लोग तो पड़ोस के गांव बरेलीपार से पानी लाने को मजबूर हैं। पहले तो पीएचई विभाग की मनमानी से गांव में नलजल योजना में हुई लापरवाही के कारण पानी की व्यवस्था नहीं हो पाई। ग्रामीणों ने पेयजल परिवहन के लिए गुहार लगाई परंतु उनकी सुनने वाला कोई नहीं हैं। ऐसी परिस्थिति में ग्रामीण 44 डिग्री के तापमान और तेज धूप के बीच खेतों या अन्य गांव से पीने का पानी ला रहे हैं। फरवरी माह से ही जलसंकट की आहट मिलने के बाद से ग्रामीण स्थानीय प्रशासन से पेयजल व्यवस्था की मांग करते रहे किन्तु किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों ने एसडीएम मेघा शर्मा को मामले की जानकारी दी जिस पर एसडीएम ने जनपद सीइओ और पीएचई एसडीओ को तुरंत व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं ।
उमरेठ ञ्च पत्रिका. जिले में ग्रामीण अंचल में इन दिनों भीषण जलसंकट छाया है। लोगों को पानी भरने के लिए एक दो किमी दूरी तय करनी पड़ रही तब जाकर उन्हें पानी मिल रहा है। परासिया विकासखंड के ग्राम उमरेठ के महावीरढ़ाना में छह साल के बच्चें से लेकर 70 साल की बुजुर्ग तक कामकाज छोडक़र पानी भरने में अपना समय बर्बाद कर रहे है। तपती दोपहरी हो या रात का अंधेरा हर कोई गांव से एक दो किमी किलोमीटर दूरी पर खेतों में लगे प्राइवेट बोर से सिर पर गुंडी या कैन रखकर पानी ढाते दिखाई दे रहे हैं। महावीर ढाना की महिला एवं पुरुष कई बार ग्राम पंचायत जा चुके है लेकिन इन्हें आश्वासन अलावा कुछ नहीं मिलता। सरपच सचिव भी ने गांव में बोर तो करा दिया है मगर इसमें मोटर नहीं डाली जिससे पानी नहीं मिल पा रही वहीं गांवों के हैंडपम्प भी सूख चुके है।