scriptWater crisis: पातालकोट के अंदर झिरिया का गंदा पानी पीने की मजबूरी | Water crisis: compulsion to drink dirty water of Jhiriya inside Patala | Patrika News

Water crisis: पातालकोट के अंदर झिरिया का गंदा पानी पीने की मजबूरी

locationछिंदवाड़ाPublished: Jun 09, 2020 05:24:44 pm

Submitted by:

prabha shankar

Water crisis: आदिवासियों ने चंदा कर बनाई सडक़, फिर भी नहीं पहुंची बोर मशीन

Water crisis: compulsion to drink dirty water of Jhiriya inside Patala

Water crisis: compulsion to drink dirty water of Jhiriya inside Patala

छिंदवाड़ा/छिंदी. आदिवासियों ने चंदा कर सडक़ भी बना दी, लेकिन हैंडपम्प खनन के लिए बोर मशीन नहीं पहुंची। मजबूरी में उन्हें झिरिया का दूषित पानी पीना पड़ रहा है। यह मामला है तामिया विकासखंड के पातालकोट की ग्राम पंचायत हर्रा कछार के ग्राम बातरा के गेड़ीडाना का, जहां नौ मकान में रहने वाले लोगों की संख्या 45 है। ग्रामीण लखन, खेमसा, दक्खन चंद्र, अकलवती, मथनवती, बालकुमारी, सनवती, सकलवती, मनीता और सत्तो बाई ने बताया कि वे जन्म से ही नाले में बनी झिरिया का दूषित पानी पी रहे हैं। हैंडपम्प के अभाव में जितना पानी रातभर में झिरिया में जमा हो पाता है, उतने से ही पूरे गांव को गुजारा करना पड़ता है। ग्रामीणों के मुताबिक करीब एक माह हो गए पीएचइ की टीम ग्राम आई थी। टीम ने कहा था कि यहां हैंडपम्प लगा देंगे, तुम लोग रोड बना लो, मशीन आएगी। तब ग्रामीणों ने हर मकान से चंदा एकत्रित कर व श्रमदान कर सडक़ बनाई। सडक़ बनाने में 15 हजार रुपए खर्च हो गए। फिर भी टीम नहीं पहुंची। अब जल्द मानसून आने वाला है।
ग्राम पंचायत सरपंच शंकरलाल कोडूपा ने बताया कि हम प्रतिदिन फोन लगाकर सम्पर्क करते हैं। पीएचइ विभाग के अधिकारी आज-कल पर बात टाल देते हैं।
प्राथमिकता के आधार पर कराएंगे बोर
गेड़ीडाना में पानी की समस्या है। बोरिंग मशीन के लिए रास्ता बनाने के लिए ग्राम पंचायत को कहा गया है। बोरिंग मशीन की उपलब्धता होते ही प्राथमिकता के आधार पर बोर कराया जाएगा।
बीएल उइके, एसडीओ पीएचइ
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो