केंद्रों के बढ़े कामों के कारण हो रही थी परेशानी ध्यान रहे आंगनबाड़ी केंद्रों में समय के साथ अब नई व्यवस्थाएं की जा रही है। बच्चों की देखरेख के साथ नाश्ता और भोजन ही नहीं बल्कि उनके साथ महिलाओं, किशोरी बालिकाओं से सम्बंधित कई कार्य उन्हें देखने पड़ते हैं। विभाग का ही सालभर का कैलेंडर बन जाता है, जिसमें महत्वपूर्ण आयोजन, ट्रेनिंग, मैदानी निरीक्षण और दूसरे कार्यक्रम शामिल होते हैं। अन्य विभागों के कार्यक्रमों में लग जाने से आइसीडीएस के मूल कार्य प्रभावित होते थे। विभाग के चलने वाले अभियानों के लिए रजिस्टर भी उन्हें मेंटेन करने पड़ते हैं इसमें भी जानकारी रोज भरना पड़ती है। अन्य कामों में इन कार्यकर्ताओं को लगाने से कई बार केंद्रों को बंद करने की नौबत आ जाती थी।
अब ये कार्य नहीं करेगी जनगणना, पल्स पोलिया, स्वास्थ्य सर्वेक्षण, बीएलओ, गरीबी रेखा सर्वे, शौचालय स्वच्छता के सर्वे, आधार कार्ड निर्माण कार्य के साथ सरकार के विभिन्न योजनाओं और अभियानों में महिला बाल विकास की सुपरवाइजर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को संलग्न किया जाता था। अब इन सब काम ये कार्यकर्ताएं/सहायिकाएं नहीं करेगी।
अब मूल विभाग के काम करने में आसानी होगी हम लंबे समय से दूसरे विभागों के काम नहीं कराने की मांग करते आ रहे हैं। सरकार ने हमारी बात को गंभीरता से लिया। विभागीय मंत्री ने सरकार के चर्चा की। सामान्य प्रशासन विभाग ने अब आदेश निकालकर हमें अन्य कार्यों से मुक्त करने कह दिया है। अब मूल विभाग के काम करने में आसानी होगी।
सविता ठाकुर, अध्यक्ष बुलंद आवाज नारी शक्ति कार्यकर्ता, सहायिक संगठन
सविता ठाकुर, अध्यक्ष बुलंद आवाज नारी शक्ति कार्यकर्ता, सहायिक संगठन
दूसरे विभागों के कामों के साथ विभाग के काम करने का दबाव भी था। महिलाओं को कई परेशानियों से जूझना पड़ता था। विभाग और आंगनबाड़ी केंद्र के काम प्रभावित होते थे वो अलग। अब हम कार्यकर्ता मन लगाकर अपने विभाग के कामों को कर सकेंगी, इससे परिणाम और सुधरेंगे।
संगीता नांदेकर, जिला संयोजक और संगठक