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Weather: छाए रहेंगे बादल, बूंदाबांदी की भी सम्भावना

locationछिंदवाड़ाPublished: Jan 22, 2020 11:16:44 am

Submitted by:

prabha shankar

Weather: मौसम विभाग ने जताई सम्भावना, किसानों को दी सलाह भी दी

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heavy fog cold weather – हिमालय से आ रहीं सर्द हवाओं से बढ़ी कड़ाके की ठंड, तापमान 7 डिग्री से नीचे

छिंदवाड़ा/ मौसम विभाग ने अगले तीन-चार दिन तक आसमान में हल्के बादल छाए रहने की सम्भावना जताई है। इस दौरान कहीं-कहीं छिटपुट बूंदाबांदी भी हो सकती है। मंगलवार को सुबह हुई तो बादल छाए हुए थे। दोपहर को कुछ देर धूप निकली, लेकिन बादलों का आना जाना लगा रहा। दिन का तापमान इसी वजह से कुछ कम हुआ। हालांकि सुबह चल रही तेज हवाएं दोपहर-होते-होते कम होती गई। सोमवार की रात को जरूरी हवा चलने के कारण ठंड का अहसास होता रहा लेकिन ठिठुरन नहीं हुई। मंगलवार की सुबह रात का तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अगले दो तीन दिन तक अधिकतम तापमान 24 से 25 डिग्री और न्यूनतम तापमान 11 से 14 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा।
अधिकतम सापेक्षित आद्रता 84 से 90 प्रतिशत तक बताई जा रही है इससे बारिश की संभावनाएं बढ़ रही है। हवाएं भी 7 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दक्षिण पूर्व की तरफ चलने का अनुमान बताया जा रहा है। स्थानीय मौसम सूचना केंद्र के अधिकारियों ने बताया कि 26 तारीख तक ऐसा मौसम रहेगा।
मौसम: किसानों को कीट प्रकोप से सम्भलने की सलाह
कुछ दिनों से बादल छाए रहने और हल्की बारिश के कारण सरसों, मूली और सेम वर्ग की फसलों में एफीड कीट की आशंका बढ़ गई है। आंचलिक मौसम सूचना केंद्र के नोडल अधिकारी और वैज्ञानिक डॉ. वीके पराडकर ने बताया कि इन सब्जियों पर ध्यान देने और कीट दिखने पर इमिडाक्लोरोफ्रिड 0.5 मिली प्रति लीटर पानी के साथ छिडक़ाव करने को किसानों से कहा गया है। चने में फूल आना शुरू हो गए हैं। जब वह दाना में बदलते हैं उस समय फ ल छेदक कीट का प्रकोप हो सकता है। इसके लिए अभी से किसानों को खेतों में निगरानी करने की सलाह दी जाती हैं। इसी तरह म्लानि या उकठा रोग के लक्षण दिखें तो किसानों को कुछ दिन सिंचाई न करने को कहा गया है। चने के लिए एकीकृत कीट प्रबंधन का प्रयोग जैसे फ ीरोमोन प्रपंच, प्रकाश प्रपंच या खेतों में पक्षियों के बैठने के लिए टी आकार की खूंटी बनाने को कहा जा रहा है।
मटर की फ लियों में कीट प्रकोप की अधिकता होने पर स्पाईनोसेड नामक कीटनाशी दवा 0.3 मिली प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिडकाव करने, चुरणी फफूंदी का प्रकोप दिखने पर तीन ग्राम सल्फेक्स प्रतिलीटर पानी में घोल बनाकर छिडकऩे को कहा गया है। उद्यानिकी फसलों में आलू में अगेती और पिछेती अंगमारी का प्रकोप दिखाई दे तो मेंकोजेब 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से स्पे्र किसान कर
सकते हैं।
आम, नीम्बू, संतरा और मौसमी में गमोसिस तथा एन्थ्रोकनोज रोगों के नियंत्रण के लिए 2.5 ग्राम ब्लाइटाक्स प्रति लीटर पानी में घोलकर छिडकऩे को कहा है।

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