छिंदवाड़ाPublished: May 09, 2019 12:34:51 am
prabha shankar
मौसम: दो साल से औसत से कम जा रहा तापमान
छिंदवाड़ा. मानसून की अच्छी शुरुआत के लिए ये जरूरी है कि जून के पहले पखवाड़े में समुद्री तटों पर कम दबाव का क्षेत्र ज्यादा बने, ताकि वो मानसूनी बादलों के साथ
बारिश के मौसम की शुरुआत ढंग से कर सके।
इस बार भी मौसम विभाग की नजर मई पर बनी हुई है, क्योंकि इस महीने तापमान का उतार-चढ़ाव ही मानसून की स्थिति भी तय करेगा। छिंदवाड़ा जिले में पिछले दो साल से मानसून गड़बड़ा गया है। मौसम के जानकार अधिकारियों का कहना है कि तापमान के औसत में कोई अंतर नहीं, लेकिन एक जैसा तापमान न रहने के कारण वायुमंडल में जो मौसम बनना चाहिए वह नहीं बन पा रहा। इसी गड़बड़ी के कारण मानसून भी सही समय पर बरस नहीं पा रहा। पिछले दो सालों से सामान्य औसत बारिश भी नहीं हो पाई है।
अप्रैल-मई के तापमान में ज्यादा अंतर नहीं
पिछले दस वर्षों का तापमान देखें तो अप्रैल और मई के औसत तापमान में ज्यादा फर्क नहीं दिख रहा है। अप्रैल के महीने में तापमान 35 से 40.7 डिग्री तक रहा है तो मई में यह 38.6 से 41.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है। इस हिसाब से देखें तो अप्रैल के माह में औसत तापमान 38.8 डिग्री और मई में 40.4 डिग्री पहुंच रहा है। यह अंतर कम है। अब तक मई के पहले पखवाड़े में सामान्यत: गर्मी कम देखी गई है जबकि दूसरे पखवाड़े में नौ तपा के कारण तापमान बढ़ रहा है। यह असामान्य स्थिति है। चंदनगांव स्थित आंचलिक अनुसंधान केंद्र के सहसंचालक और कृषि आधारित मौसम सूचना केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ. वीके पराडकर ने बताया कि दो सालों से असामान्य वर्षा हो रही है। मई में यदि अच्छी गर्मी इस बार पड़ती है तो जिले में बारिश की सम्भावना सामान्य या फिर अच्छी बन सकती है। पर्यावरण में परिवर्तन बहुत हो रहे हैं। यह मौसम चक्र को भी बिगाड़ रहा है।
अचानक चढ़ा पारा
दो तीन दिन की राहत के बाद बुधवार को गर्मी फिर अपने शबाब पर दिखी। सुबह से ही वातावरण में गर्माहट महसूस की जा रही थी। दोपहर 12 बजे तापामन 41 डिग्री पर पहुंच गया था। चटक मार रही धूप असहनीय हो रही है। बुधवार को दिन का तापमान 43 डिग्री पहुंच गया। बुधवार की सुबह न्यूनतम तापमान 26 डिग्री दर्ज किया गया। इसमें भी सप्ताहांत तक 3 डिग्री तक उछलने की सम्भावना बताई जा रही है।