scriptभावांतर योजना से किनारा, अब ऐसे होगी गेहूं खरीदी | Wheat purchase at support price | Patrika News

भावांतर योजना से किनारा, अब ऐसे होगी गेहूं खरीदी

locationछिंदवाड़ाPublished: Jan 23, 2018 11:56:05 pm

Submitted by:

manohar soni

केंद्र सरकार द्वारा 1735 रुपए समर्थन मूल्य तय, खरीदी 26 मार्च से शुरू होगी खरीदी

Wheat purchase at support price

Wheat purchase at support price

छिंदवाड़ा. गेहूं की सरकारी खरीदी मक्का की तरह भावांतर योजना से नहीं होगी बल्कि पुराने पैटर्न सहकारी समितियों के माध्यम से होगी। केंद्र सरकार द्वारा समर्थन मूल्य 1735 रुपए घोषित किया गया है। इसकी खरीदी २६ मार्च से २६ मई के बीच होगी। इस सम्बंध में राज्य शासन के आदेश कलेक्टर के पास पहुंच गए हैं।
आपूर्ति विभाग के मुताबिक वर्ष 2017 में गेहूं का समर्थन मूल्य 1550 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया था। इस वर्ष किसानों को प्रति क्विंटल 185 रुपए अधिक मिलेंगे। गेहूं की खरीदी के लिए जिले भर में 99 खरीदी केंद्र निर्धारित कर दिए गए हैं। किसानों का पंजीयन पहले ही किया जा चुका है। सहायक खाद्य अधिकारी डीके मिश्रा ने बताया कि गेहूं की खरीदी के लिए शासन द्वारा विस्तृत कार्यक्रम घोषित किया गया है। इसमें खरीदी से लेकर परिवहन और भंडारण का इंतजाम करने के लिए कहा गया है। जबलपुर सम्भाग के अधीन आने से जिले में खरीदी 26 मार्च से सहकारी समितियों के माध्यम से होगी। इसकी सभी तैयारियांं शुरू कर दी गई हंै।

नहीं होगी भावांतर की छाया
मक्का की तरह गेहूं को भी भावांतर योजना के अधीन लाने की आशंका व्यक्त की जा रही थी। राज्य शासन के इस आदेश से किसानों ने राहत महसूस की है। किसान तय कृषि उपज मण्डी पर नहीं बल्कि अपने आसपास की सोसाइटी में पहुंचकर ही समर्थन मूल्य प्राप्त कर सकेगा। फिलहाल इससे करीब 50 हजार से ज्यादा किसान लाभांवित हो सकेंगे। इसके साथ ही गरीबों को सस्ती दर पर उपलब्ध कराने के लिए गेहूं उपलब्ध होगा।

जनजातीय विभाग के शिक्षकों को नहीं मिल रहा समय पर वेतन
छिंदवाड़ा. जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत संचालित शिक्षा परिसर और आश्रम में कार्यरत शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। इससे शिक्षकों में विभाग के प्रति आक्रोश व्याप्त है। इधर लेखापाल द्वारा बजट न होने का हवाला दिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार बार-बार शिक्षकों द्वारा वेतन के संदर्भ में पूछे जाने पर मंगलवार को लेखापाल अपने कक्ष में उपस्थित ही नहीं हुए। शहर में संचालित जनजातीय विभाग अंतर्गत कन्या शिक्षा परिसर में दो आश्रम भी हैं। यहां करीब 45 शिक्षक कार्यरत हैं। शिक्षकों ने बताया कि हर माह 15 तारीख के बाद ही वेतन भुगतान किया जाता है। जिला कोषालय में देरी से बिल जमा होने से वहां भी अगले माह के वेतन भुगतान की तैयारी शुरू होने लगती है। ऐसे में समय पर वेतन नहीं मिल पाता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो