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बरसात आते ही खिलाड़ी हो जाते हैं मायूस

locationछिंदवाड़ाPublished: Jun 14, 2019 04:32:29 pm

Submitted by:

sunil lakhera

पानी निकासी की व्यवस्था न होने से

When the rains come, the players become sad

बरसात आते ही खिलाड़ी हो जाते हैं मायूस

जुन्नारदेव. नगर का एकमात्र खेल मैदान नेहरू स्टेडियम बरसात के आते ही फिर एक बार तलैया बन जाएगा। नगर के इस एकमात्र खेल मैदान में जहां क्षेत्रभर के सैकड़ों खिलाड़ी पहुंचते हैं । इसके अलावा व्यायाम, खेलकूद के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां करते है वहीं मैदान बरसात के दिनों में किसी तलैया से कम नजर नहीं आता है। खेल मैदान में पानी भराव के कारण खिलाड़ी इस खेल मैदान में सभी खेल के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए दौड़ भाग तक नहीं कर पाते हैं।
नगर के खिलाड़ी श्याम कहार, कुलदीप, अवधेश कैथवास, रवि पौराणिक, संजय, पावेल, सचिन, अजय, राजू, मनेष, अंकुश, योगेश, भूपेन्द्र, राजा, मोनू, सोनू, उमेश, विजय, राजेन्द्र, मक्खन, राकेश, सन्नी, मोन्टी, आबिद, इसराइल, रवि सहित अन्य खिलाडिय़ों ने वर्षा के पूर्व मैदान से पानी निकासी की मांग की है। गौरतलब हो कि नेहरू स्टेडियम का रख-रखाव पूर्णत: नगरपालिका परिषद के हाथों में है किन्तु नगरपालिका परिषद की उदासीनता और आला अधिकारियों की इच्छा शक्ति की कमी के चलते खेल मैदान एक बार फिर तलैया बनने को विवश है। नेहरू स्टेडियम की कायाकल्प के लिए पूर्व भाजपानीत नगरपालिका परिषद द्वारा एक बड़ी राशि उपलब्ध करायी गयी थी किन्तु परिषद बदलते ही खेल मैदान के लिए आई इस राशि से मैदान में निर्माण कार्य क्यों नहीं कराया गया यह समझ से परे है। वैसे खेल मैदान में अतिरिक्त निर्माण और पानी निकासी हेतु निर्माण कार्यो का भूमिपूजन पूर्व विधायक नत्थनशह कवरेती ने किया भी था। इसका लोकार्पण पत्थर भी सरकारी अस्पताल के पास बने मंदिर की दीवार पर लगा है, किन्तु वर्तमान नपा परिषद द्वारा खेल मैदान की ओर कोई ध्यान नहीं दिये जाने से अब यह मैदान बरसात में तलैया बन जाता है
नगरपालिका के रख-रखाव में इस नेहरू स्टेडियम को खिलाडिय़ों द्वारा लगातार सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने की मांग की जाती रही है किन्तु नपा की उदासीनता के चलते यह मैदान अपनी दुर्गति पर रो रहा है। गौरतलब है कि इस खेल मैदान में बच्चे से लेकर युवा और बुजुर्ग तक मैदान में पहुंचते हैं, किन्तु बरसात के चार महीने यह खेल मैदान स्वीमिंग पूल से कम नहीं नजर आता है। नालियों का पानी हो या फिर सडक़ों का पानी सब कुछ इसी खेल मैदान में आकर भर जाता है।
नगर की खेल प्रतिभाएं होती है प्रभावित – नगर के इस एकमात्र खेल मैदान में समूचे विकासखंड के खिलाड़ी पहुंचते हैं जो ठंड और गर्मी में तो खेल मैदान का लाभ लेते है किन्तु बरसात के चार महीनों में लगातार मैदान मे पानी भराव के चलते खिलाड़ी मैदान से दूरी बनाने को विवश होते है। खिलाडिय़ों का कहना है कि यदि खेल मैदान में पानी निकासी की उचित व्यवस्था बन जाये तो हमें साल भर इस मैदान की सुविधाएं मिलेंगी।
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