तामिया विकासखण्ड की लहगडुआ पंचायत के मलालढ़ाना में आदिवासी परिवार के विवाह समारोह में पुलिस एवं राजस्व अमले की बर्बरता एवं 18 निर्दोष आदिवासियों को षड्यंत्रपूर्वक फंसाकर जेल भेजने की घटना के खिलाफ एवं समाज को गुमराह कर रहे कुछ चंदाखोरों का असली चेहरे को बेनकाब करने के लिए सर्व आदिवासी समाज ने तामिया में सड़क पर आकर समाज के हक की लड़ाई के लिए जबरदस्त हुंकार भरी। आंदोलन में सम्मिलित हुए लोगों का का आरोप था कि कुछ लोग भाजपा की टीम बनकर समाज को बहकाने का काम कर रहे हैं। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए क्षेत्रीय विधायक सुनील उइके ने कहा कि हमें सच्चाई को पहचानना है। मलालढ़ाना की घटना घटित होने के बाद पीडि़त परिवार से मिलने वाला अगर कोई जनप्रतिनिधि था तो वह मैं था। मैंने ही पीडि़त परिवार से मिलने के बाद जिले के पुलिस अधीक्षक सहित आला अधिकारियों से चर्चा कर तामिया की प्रभारी टीआइ को हटाने एवं घटना की जांच किसी आदिवासी अधिकारी से कराने की मांग की थी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस के आदिवासी विधायकों के साथ पुलिस महानिदेशक से मुलाकात कर दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई के लिए मांग की थी। पांढुर्ना विधायक निलेश उइके ने कहा कि जब समाज की बात आए तो हमें एकजुट हो जाना चाहिए। कुछ लोग अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए समाज को गुमराह कर रहे हैं।हमारे नेता कमलनाथ कभी भी नौटंकी नहीं करते बल्कि पीडि़तों की मदद करते हैं।
कार्यक्रम में यह हुए शामिल
कार्यक्रम का संचालन आदिवासी नेता राजेन्द्र ठाकुर ने किया। धरना के बाद उपस्थित आदिवासियों ने विशाल रैली के रूप में थाना पहुंचकर एसडीएम मधुवन्त राव धुर्वे एवं एसडीओपी एस.के सिंह को महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। धरना आंदोलन में बैतूल से रामु टेकाम, जुन्नारदेव विधायक सुनील उइके, पांढुर्ना विधायक निलेश उइके, जबलपुर की आदिवासी नेता जमना मरावी, अनूपपुर के रेवासिंह धुर्वे, पूर्व विधायक जतन उइके, सांसद प्रतिनिधि जमील खान, छिंदी पर्यवेक्षक कमल राय, मनमोहन साहू, रमेश उइके, सुंदर पटेल, अग्घनशा उइके, राजेन्द्र ठाकुर, उमरावशा उइके, सोहन सरेआम, उजरसिंग भारती, महेश धुर्वे, बालाराम परतेती, संजय परतेती, संगीता परतेती, ब्रजकुमारी सरयाम, सिरसु उइके, जीतेन्द्रशा, संतोष भारती, अनिल गांधी सहित अन्य मौजूद रहे।