जिला शिक्षा अधिकारी बघेल ने बताया कि मामले में दोषी पाई गई अध्यापक प्रीति कपूर की एक वेतनवृद्धि रोक दी गई है तथा शेष को बहाल कर उसी संस्था में पदस्थ कर दिया गया हैं। वहीं सूत्रों की मानंे तो सस्पेंडेड कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ इंक्रीमेंट रोकने समेत अन्य कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन उसी संस्था में दोबारा पोस्टिंग नहीं जा सकती जहां उसके खिलाफ कार्रवाई की गई है।
यह है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि एमएलबी छिंदवाड़ा संकुल अंतर्गत आने वाले शासकीय माध्यमिक शाला कुकड़ाजगत में मेडिकल लीव पर चल रही शिक्षिका प्रीति कपूर परीक्षार्थियों को बोर्ड में लिखकर नकल करा रहीं थीं। शिकायत मिलने पर डीइओ के निर्देश पर बीइओ आइएम भीमनवार, वरिष्ठ अध्यापक सुनील गोहर, व्याख्यता सोनलदेवी मंगरुलकर तथा प्राचार्य राजेंद्र ठाकुर ने रंगे हाथों कुछ शिक्षिकाओं को पकड़ा था। मामले में ब्लाकस्तरीय टीम के अनुमोदन पर केंद्राध्यक्ष सीमा ठाकरे, ललिता तिवारी, मीना कनवाल, हेमलता जंगेला तथा प्रीति कपूर को सस्पेंड किया था।