scriptजिसके पास धर्म की दौलत वहीं धनवान | Whoever has the wealth of religion is the richest | Patrika News

जिसके पास धर्म की दौलत वहीं धनवान

locationछिंदवाड़ाPublished: Dec 05, 2021 05:40:10 pm

Submitted by:

Rahul sharma

सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा शनिवार को परासिया में श्रीमज्जिनेन्द्र जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का शुभारम्भ सुप्रभ सागर एवं प्रणत सागर महाराज के सानिध्य में हुआ। इस अवसर पर सुबह श्रीजी का अभिषेक एवं शांतिधारा कर पूजन किया गया। इसके बाद भजन मंडली के मंगलगान के साथ मुनिसंघ के सानिध्य में श्रीजी की शोभायात्रा सहित घटयात्रा निकाली गई।

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Whoever has the wealth of religion is the richest

छिंदवाड़ा/परासिया.सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा शनिवार को परासिया में श्रीमज्जिनेन्द्र जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का शुभारम्भ सुप्रभ सागर एवं प्रणत सागर महाराज के सानिध्य में हुआ। इस अवसर पर सुबह श्रीजी का अभिषेक एवं शांतिधारा कर पूजन किया गया। इसके बाद भजन मंडली के मंगलगान के साथ मुनिसंघ के सानिध्य में श्रीजी की शोभायात्रा सहित घटयात्रा निकाली गई।शोभायात्रा नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए अयोध्या नगरी पहुंची। यहां ध्वजारोहण, प्रतिष्ठा मंडप का उद्घाटन किया गया। मुनिश्री के पादप्रक्षालन कर जिनवाणी भेंट की गई। मुनिश्री के मंगल प्रवचनों के साथ दोपहर में याग मण्डल विधान का आयोजन किया गया। संध्या के समय महाआरती की गई। इसके पश्चात रात्रि में गर्भ कल्याणक महोत्सव मंगलाचरण, सौधर्म इंद्र की सुधर्मा सभा, तत्वचर्चा, इन्द्रों का आसन कम्पायमान के बाद कुबेर का आगमन हुआ और उन्होंने रत्नों की वर्षा की। अष्टकुमारिकाएं एवं छपन्नकुमारिकाओं ने बाल तीर्थंकर की माता की सेवा कर उनसे सुंदर-सुंदर प्रश्नोत्तर किए। इसके पश्चात माता के सोलह स्वप्न का दर्शन आदि सुंदर कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस मौके पर मुनिद्वय के प्रवचन हुए। उन्होंने कहा कि धन संपत्ति से आदमी बड़ा नहीं होता बल्कि जिसके पास धर्म की दौलत होती है वो धनवान होता है। जीवन कल्याण का मार्ग धर्म ही है। मुख्य मंगल कलश की स्थापना हेमंत शालिनी जैन ने की।पांच दिसम्बर को गर्भकल्याणक उत्तर का मांगलिक दिवस रहेगा।
इस अवसर पर सुबह छह बजे से श्री जिनेंद्र अभिषेक पूजन से महोत्सव का शुभारंभ होगा। इसके बाद मुनिश्री के मंगल प्रवचन, वेदिशुद्धि हेतु घटयात्रा निकली जाएगी। दोपहर दो बजे से माता की गोद भराई का कार्यक्रम, तीन बजे से मंदिरजी में वास्तु विधान संध्या, शाम ६.३० बजे से संगीतमय महाआरती जिनवाणी वाचन एवं रात्रि ७.३० बजे से महाराज नाभिराय का दरबार, सोलह स्वप्नों का वर्णन आदि कार्यक्रम संपन्न होंगे।
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