छिंदवाड़ाPublished: Jan 20, 2019 05:14:24 pm
sunil lakhera
धरमटेकड़ी में भागवत कथा
आखिर क्यों किया भगवान ने हिरण्यकश्यप का वध
छिंदवाड़ा. सच्ची निष्ठा से ही ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है। ईश्वर कहीं और नहीं है वह हमारे पास ही हैं और हमारे भीतर है। बस हम उन्हें देख नहीं पा रहे हैं। देखने के लिए मन की आंखों को खोलना पड़ेगा अर्थात मन रूपी दर्पण में लगी हुई धूल हटानी होगी।
उस धूल को हटाने के लिए सदगुरुदेव या किसी संत का सहारा लेना पड़ेगा क्योंकि बिना सदगुरुदेव के हमारा मार्गदर्शन नहीं होगा। बिना गुरु के मार्ग दिखाए हम मंजिल तक अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच सकते।
यह बात पं. रविकांत शास्त्री ने धरमटेकड़ी क्षेत्र में चल रही भागवत कथा में शनिवार को कहीं। उन्होंने जड़भरत और अजामिल प्रसंग सुनाया और कहा कि जड़ भरत सब कुछ जान कर भी जड़ की तरह पागलों की तरह रहते थे। हमेशा मन में ईश्वर आराधना करते रहते किंतु ऊपर से पागलों की तरह व्यवहार करते थे जब राजा रहुगड़ से मिले उन्होंने दिव्य वेदांत का उपदेश राजा को दिया। अर्थात संत कहते हैं अपने ज्ञान का अभिमान मत कीजिए समय पडऩे पर उसका सदुपयोग कीजिए। साथ ही कथा व्यास ने अजामिल उपाख्यान की कथा सुनाई कि किस प्रकार एक बार मृत्यु के समय नारायण पुकारने से अजामिल की मुक्ति हो गई। प्रहलाद चरित्र सुनाते हुए उन्होंने कहा कि उस छोटे से नारायण भक्त का विश्वास था कि भगवान कण-कण में हैं और उसी विश्वास को बनाए रखने के लिए भगवान ने खंभे से प्रकट होकर नृसिंह का अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया। आयोजन स्थल पर भगवान नृसिंह अवतार की झांकी भी सजाई गई थी। आज बड़ी संख्या में महिलाएं भागवत सुनने यहां पहुंची।
छोटी बाजार में सुंदरकांड का हुआ महापाठ- वहीं सुुंदरकांड गु्रप ने शनिवार मातृ शक्ति एकता परिवार के तत्वावधान में बड़ी माता मंदिर के पीछे सीताबाई स्कूल के पास छोटी बाजार में संगीतमय सुंदरकांड का महापाठ किया।
कार्यक्रम में ग्रुप के सभी सदस्यों ने पाठ किया और भजनों की प्रस्तुतियां भी दी गईं। कार्यक्रम में नन्ही गायिका गुन्नू उइके और मेघा उइके के अलावा शुुभम कसार, अक्षय ठाकुर, भानुु प्रताप सिंह राठौर, अखिलेश मालवी, प्रदीप भारती, कैलाश उइके, श्रीचंद बर्मन, गुडडू कसार, जयंत चौधरी, अभिषेक ठाकुर, टंटू मासाब, नीलेश, किसन, विक्की कसार, सुमित साहूू, अमित साहूू, मनोहर रघुवंशी, हर्षित रघुवंशी, योगेश पाण्डे, संतोष बंशकार, सागर कसार, राम कुमार आदि उपस्थित थे।