देहात थाना में पदस्थ उपनिरीक्षक टीडी धार्वे ने बताया कि 30 जून की सुबह 7.20 बजे तक सूचना मिली थी कि अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के पीछे खेत में दो शव पड़े हैं। पुलिस मौके पर पहुंची तो सूचना सही पाई गई। मृतिका की पहचान रोहनाकला निवासी महिमा कहार पति सुनील धुर्वे एवं उसकी तीन माह की बेटी के रूप में हुई। पुलिस ने परिवार के सदस्यों को बुलवाया और पंचनामा की कार्रवाई के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल पहुंचाए। मृतिका के परिजनों ने सुनील धुर्वे पर हत्या का आरोप लगाया, लेकिन पुलिस के पास कोई साक्ष्य नहीं थे। हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने हत्या करना कबूल लिया। उपनिरीक्षक धार्वे ने बताया कि आरोपी पहले से शादीशुदा है और पहली पत्नी से उसकी एक बेटी भी है। सुनील के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया गया। आरोपी को न्यायालय में पेश किया, यहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। वारदात के खुलासे में टीआइ मोहन सिंह मर्सकोले, उपनिरीक्षक टीडी धार्वे, सहायक उपनिरीक्षक अरविंद बघेल, आरक्षक शैलेन्द्र मरकाम, प्रवीण विश्वकर्मा एवं दिमाकचंद नागरे की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
गम्भीर वारदातों का बढ़ा ग्राफ
पिछले एक माह के भीतर जिला मुख्यालय के साथ ही पूरे जिले में गम्भीर अपराध का ग्राफ बढ़ा है। सबसे अधिक कत्ल के मामले सामने आए हैं। पुलिस प्रकरणों को सुलझा रही और आरोपी भी गिरफ्तार हो रहे, लेकिन बढ़ते अपराध को रोकने में पुलिस नाकामयाब साबित हो रही है। कोतवाली थाना, देहात, मोहखेड़, उमरेठ, अमरवाड़ा और कुण्डीपुरा थाना क्षेत्र से हत्या के मामले सामने आए हैं, जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।