scriptWildlife: महुआ के विदा होते ही तेंदुपत्ता और अचार में दिखी रोजी-रोटी | Wildlife: Livelihood seen in tendu leaves and pickles as Mahua departs | Patrika News

Wildlife: महुआ के विदा होते ही तेंदुपत्ता और अचार में दिखी रोजी-रोटी

locationछिंदवाड़ाPublished: May 17, 2020 06:46:18 pm

Submitted by:

prabha shankar

Wildlife: सुबह से शाम तक बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक संग्रहण में जुटे, चार माह की बारिश के राशन का होगा इंतजाम

Wildlife: Livelihood seen in tendu leaves and pickles as Mahua departs

Wildlife: Livelihood seen in tendu leaves and pickles as Mahua departs

छिंदवाड़ा/ कोरोना संक्रमणकाल में लॉकडाउन से शहरी जनजीवन भले ही कैद हो, लेकिन जंगलों में वनोपज की महक वनवासियों में नया उत्साह और उमंग भर रही है। महुआ के फूल का सीजन विदा हो चुका है। अब तेंदुपत्ता और अचार में उन्हें अपनी रोजी-रोटी नजर आने लगी है। सुबह से शाम तक चिलचिलाती धूप या बादलों से बरसती बूंद में बच्चे, महिला और बुजुर्ग तक इस लघु वनोपज को एकत्र करने में जुटे हैं। इस जीविकोपार्जन से उनके चार माह की बारिश के सीजन के लिए राशन का इंतजाम होगा।
जिले के 11.80 लाख हैक्टेयर के कुल क्षेत्रफल में वन क्षेत्र की हिस्सेदारी 29 फीसदी यानी 3.51 लाख हैक्टेयर है। ये जंगल न केवल पर्यावरण के जरूरी, बल्कि बड़ी आबादी की आय का जरिया है। इस समय मई की चिलचिलाती धूप में गांवों का कोई भी परिवार घरों में नहीं बल्कि जंगलों में किसी न किसी पेड़ के नीचे बैठा नजर आ रहा है। किसी को तेंदुपत्ता की तुड़ाई की फ्रिक है तो कोई अचार गुठली में अपने पेट की आग बुझाने के इंतजाम का भविष्य देख रहा है। तेंदुपत्ता तो पूरे जिले की उपज है, लेकिन अचार गुठली बटकाखापा, छिंदी, हर्रई और देलाखारी क्षेत्र की है। ऐसे में इन इलाकों में लोग कोरोना संक्रमण की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि उनकी जुबां से लघु वनोपज को बेचकर बारिश के राशन का इंतजाम करने की चिंता ज्यादा सुनाई दे रही है।
रेंजर एसोसिएशन के अध्यक्ष और बटकाखापा पश्चिम के ऑफिसर मनेंद्र सिंह बताते हैं कि वनवासी इलाकों में कहीं-कहीं बेमौसम बारिश के माध्यम से प्रकृति नाराज जरूर है, लेकिन जंगलों में तेंदुपत्ता और आचार गुठली का उत्साह कम नहीं हुआ है।
महुुआ का सीजन विदा होने के बाद हर व्यक्ति तेंदुपत्ता और आचार गुठली में अपनी रोजी-रोटी तलाशने में जुटा है। एक सप्ताह बाद हर्रा भी आ जाएगा।

पश्चिम में तेंदुपत्ता संग्रहण शुरू, निरीक्षण में पहुंचे डीएफओ
वनमंडल छिंदवाड़ा के अंतर्गत कार्यरत आठ प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों में से चार समितियां दमुआ, तामिया, बम्हनी एवं झौंत में शुक्रवार को तेंदुपत्ता संग्रहण कार्य प्रारम्भ हो गया। इस वर्ष तेंदुपत्ता संग्राहकों को शासन द्वारा तेंदुपत्ता पारिश्रमिक भुगतान निर्धारित दर 250 रुपए प्रति सैकड़ा या 2500 रुपए प्रति मानक बोरा की दर से दिया जाएगा। पश्चिम वनमण्डल के डीएफओ आलोक पाठक ने तामिया परिक्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति मर्यादित तामिया की घटलिंगा एवं तामिया तेंदुपत्ता फ ड़ पर तेंदुपत्ता संग्रहण कार्य का निरीक्षण किया और तेंदुपत्ता संग्राहक, फ ड़मुशियों, फ ड़ अभिरक्षक आदि को नियमित रूप से हाथ साबुन से सेनेटाइज करने, मास्क या गमछे तथा सोशल डिस्टेंसिंग का अनिवार्य रूप से पालन करने निर्देशित किया।

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