Wildlife: रेडियो कॉलर से एक सप्ताह तक वन अमला करता रहा चौकसी , बैल मालिक को मिलेगा मुआवजा, शिकार के बाद जामई से मुलताई के जंगल में घुसी
छिंदवाड़ा•Jul 04, 2020 / 05:46 pm•
prabha shankar
नए आशियाने की तलाश में रणथम्भौर से बाघ पहुंचा रामगढ़
छिंदवाड़ा/ सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से बाहर निकली बाघिन ने दमुआ और जामई के जंगलों में चहलकदमी की और एक बैल का शिकार भी कर लिया। इस दौरान वन विभाग का अमला लगातार सर्चिंग में लगा रहा। फिलहाल रेडियो कॉलर से उसके मुलताई के जंगल में प्रवेश की जानकारी मिली है। इसकी पुष्टि वन अधिकारियों ने भी की है।
महाराष्ट्र के चंद्रपुर के टडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बीच सारनी होते हुए जंगली रूट है। बाघ इस मार्ग से आते जाते रहे है, ओर जाते रहे हैं। माना जा रहा है कि सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की बाघिन भी इसी रूट के जरिए चोपना के समीप से सारनी होते हुए दमुआ पहुँची। इसके बाद इसने कक्ष क्रमांक पी 400 ढोढरा मउ बीट के माता माई के समीप एक बैल का शिकार किया। यह बैल वीरन लाल मवासी निवासी सत्ताझिरी कारेआम का था। उसके बाद बाघिन दमुआ से जामई के जंगल आई। इसको बैतूल से लेकर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के फोन भी आते रहे और रेडियो कॉलर के जरिए बाघिन की लोकेशन मांगी जाती रही। पश्चिम मंडल के डीएफओ आलोक पाठक ने बताया कि बाघिन दमुआ से जुन्नारदेव के रास्ते मुलताई के जंगल में प्रवेश कर गई है। इस दौरान उसने एक बैल का शिकार भी किया। उसकी चौकसी के लिए वन विभाग का अमला तैनात रहा। फिलहाल बाघिन के मुलताई जाने की सूचना संबंधित वन अधिकारियों को दे दी गई है।
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