छिंदवाड़ा . वर्ष 2017 से पांचवीं व आठवीं कक्षा की आंसरशीट बोर्ड पैटर्न पर जांची जाएंगी। यह गाइडलाइन जिले समेत प्रदेश के सभी स्कूलों को माध्यमिक शिक्षा मंडल ने जारी कर दिए हैं। बता दें कि माशिमं द्वारा काफी समय पहले 8वीं कक्षा को बोर्ड फ्री किया जा चुका था। इससे शिक्षा विभाग को दूसरे स्कूल को केंद्र बनाने की झंझट भी खत्म हो गई थी। विद्यार्थी भी परीक्षा देने के लिए किसी दूसरे स्कूल जाने की भी परेशानी से बच गए थे। वे उसी स्कूल में परीक्षा देते थे, जिसमें वे पढ़ाई करते। कॉपी भी उसी स्कूल में जांची जाती थी। अब विद्यार्थियों के सामने बोर्ड एग्जाम जैसी चुनौती फिर से होगी।
5वीं, 8वीं कक्षा में पेपर भी बोर्ड परीक्षाओं के आधार पर ही तैयार किए जाएंगे। 2017 में होने वाली परीक्षा में विद्यार्थी स्कूल परिसर में ही पेपर देंगे, लेकिन वहां परीक्षक दूसरे स्कूलों से बुलाए जाएगा। नए नियम के अनुसार अब आंसर कॉपी पहले की ही
तरह किसी दूसरे स्कूलों में चैक होंगी। इस तरह का निर्णय लेने के पीछे माशिमं का उद्देश्य स्टूडेंट्स की एजुकेशन क्वालिटी अपग्रेड करना है।
पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए पहले परीक्षा पास करना आसान हुआ करता था। विद्यार्थी परीक्षा के लिए कोई विशेष तैयारी नहीं करते थे, न ही उन्हें किसी स्पेशल सीरीज की जरूरत होती थी। अब विद्यार्थियों को बोर्ड के आधार पर स्कूलों द्वारा तैयारी की जाएगी। यह गाइडलाइन प्रदेशभर के डीईओ और प्राचार्यों को जारी कर दी गई है। शिक्षकों का मानना है कि इससे विद्यार्थी परीक्षा के लिए विशेष तैयारी करेंगे। जिससे मेधावी छात्रों की संख्या बढ़ेगी।
4 नहीं 6 पेज का पेपर
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा पहले जहां विद्यार्थियों के लिए 4-4 पेजों का पेपर तैयार करवाया जाता है, वह बदलकर अब 6 पेजों में परिवर्तित हो चुका है। इसमें प्रमुख रूप में गणित और सामाजिक विज्ञान के पेपर को शामिल किया गया है। बदलाव सिर्फ आठवीं क्लास के लिए नहीं बल्कि प्राइमरी सेक्शन के लिए भी लागू हुआ है। विद्यार्थियों को बढ़ाए हुए प्रश्नों के आधार पर ही तैयारी करनी होगी।
ताकि निखरे शिक्षा का स्तर
मॉडल हाई स्कूल की प्रिंसिपल वीणा वाजपेयी ने बताया कि इस तरह का बदलाव बोर्ड द्वारा शिक्षा के स्तर में सुधार करने के लिए किया गया है। कई सालों से यह देखा जा रहा था कि नाइंथ क्लास में पहुंचने वाले स्टूडेंट्स बोर्ड परीक्षा के लिए कमजोर होते थे। एेसे में अब 2 क्लास पहले से ही बोर्ड की तैयारी करवाई जाएगी, ताकि वे 10वीं कक्षा आते-आते तक पूरी तरह से रेडी हो सकें।