गहरा जाएगा जलसंकट
छिंदवाड़ाPublished: May 06, 2019 04:51:19 pm
मोही और जुनेवानी जलाशय से भी पानी लेना बंद
पांढुर्ना. शहर की पेयजल आपूर्ति के लिए इस भीषण गर्मी में बुरी खबर है। मोरडोंगरी जलाशय से पानी नहीं देने पर अड़े ग्रामीणों के कारण उत्पन्न हुई समस्या के बाद रविवार को मोही और जुनेवानी जलाशय से भी पानी लेना बंद हो गया है। यहां का पानी डेड स्टोरेज पर पहुंच चुका है। थोड़ा बहुत पानी पशुओं के पीने के लिए रखा गया है।
नगर पालिका इन दोनों जलाशयों से रोजाना 18 लाख लीटर के आसपास पानी पाइपलाइन द्वारा लिया जा रहा था। सीएमओ नवनीत पांडे ने बताया कि जलाशयों से 18 लाख और 5 लाख परिवहन द्वारा साथ ही नपा के टैंकरो से दो ढाई लाख लीटर पानी की आपूर्ति की जा रही थी परंतु अब जलाशयों से पानी लेना बंद होने के बाद स्थिति चुनौतीपूर्ण बन चुकी है।
पीपलपानी में बिछाएं पाइपलाइन और लगाई मोटर: नगर पालिका ने पिपलपानी जलाशय पर पाइपलाइन बिछाकर मोटरें लगा दी है। सोमवार को इस जलाशय से पानी लेने की तैयारी नगर पालिका ने कर ली है। प्रतिदिन लगभग 18 लाख लीटर पानी का पिपलपानी का जुनेवानी फिल्टर प्लांट तक परिवहन किया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार पिपलपानी जलाशय से मात्र 15 दिनों का ही पानी मिल सकता है। इसके बाद यहां भी पानी डेड स्टोरेज पर होगा।
अब सिर्फ परिवहन के भरोसे बुझेगी प्यास- नगर पालिका के पास कोई जलस्रोत नहीं होने से अब सिर्फ पानी परिवहन के भरोसे ही शहर की प्यास बुझ सकेगी। अब तक पाइपलाइन द्वारा 18 लाख लीटर पानी की व्यवस्था हो
जाती थी। लेकिन मोही और जुनेवानी जलाशयों से पानी खत्म हो जाने समस्या बढ़ गई है। पिपलपानी से जल आपूर्ति की जाएगी जिससे लाखों रुपए का खर्च आएगा।
लिंगा में भी पेयजल समस्या- गर्मी के दिनों में क्षेत्र के अधिकांश ग्रामों में जलस्तर घटने की वजह पीने के पानी की समस्या बनी हुई है । वहीं ग्राम लिंगा में इन दिनों में पानी की समस्या विकराल बनी हुई है। ग्राम पंचायत द्वारा पानी की समस्या दूर करने के लिए वार्डों में पानी की सप्लाई की जा रही है। तेज तापमान होने के कारण मई माह में क्षेत्र के ग्रामीण अंचल में पानी की समस्या हो रही है। नगर सहित ग्रामीण अंचल में कुएं भी दम तोड़ रहे हैं वहीं हैंडपम्प एवं अन्य जलस्रोत से भी पानी नहीं मिल पा रहा है। हालांकि पंचायत के द्वारा जलापूर्ति पूरे प्रयास किए जा रहे हैं पंचायत के द्वारा पूर्व में किए गए बोर के माध्यम से ग्रामीणों को पानी की पूर्ति की जा रही है जिसमें लोगों की राहत देने का कार्य हो रहा है।