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Womans: यहां महिलाएं हैं चिंतित, एक दूसरे को प्रकृति से जुड़ा दे रही यह उपहार

locationछिंदवाड़ाPublished: Jan 23, 2020 01:01:50 pm

Submitted by:

ashish mishra

प्रकृति में बढ़ते असंतुलन से महिलाएं चिंतित है।

Womans: यहां महिलाएं हैं चिंतित, एक दूसरे को प्रकृति से जुड़ा दे रही यह उपहार

Womans: यहां महिलाएं हैं चिंतित, एक दूसरे को प्रकृति से जुड़ा दे रही यह उपहार


छिंदवाड़ा. प्रकृति में बढ़ते असंतुलन से महिलाएं चिंतित है। यही वजह है कि वर्तमान में शहर में विभिन्न जगह आयोजित किए जा रहे हल्दी कुमकुम एवं सुहागले कार्यक्रम में महिलाएं ‘स्वस्थ छिंदवाड़ा-स्वस्थ्य परिवार’ की कामना के साथ एक दूसरे को पौधे भेंट कर रही हैं। गुलाबरा निवासी सुनीता डोंगरे कहना है कि मकर संक्रान्ति के दिन से ही हल्दी कुमकुम की शुरुआत हो जाती है। हर स्त्री के लिए हल्दी कुमकुम खुशी का त्योहार होता है। पति की लंबी उम्र की कामना के साथ महिलाएं एक दूसरे को सुहाग की सामग्री देकर यह त्योहार मनाती हैं। मेरा यह मानना है कि सुहागन के लिए श्रृंगार ही अमूल्य गहना है, लेकिन यदि हमारा घर संसार हर भरा या जिसमें खुशी न हो तो ये श्रृंगार किसी काम का नहीं है। एक ऐसी पहल हम करें और हरे भरे पौधे देकर हल्दी कुमकुम का त्योहार मनाएं। इस कामना के साथ की जीवन सदैव हरा भरा रहे। इस पहल से हमारी प्रकृति की सुंदरता में चार चांद लग जाएगा। वहीं वर्किंग वुमेन मिथिलेश शुक्ला का कहना है कि बढ़ते प्रदूषण से आज हर कोई चिंतित है। दिन प्रतिदिन पेड़ों की बेतहासा कटाई और पत्थर के बनते मकानों ने प्राकृतिक असंतुलन पैदा कर दिया है। यही वजह है कि वर्तमान में मौसम में कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं। अगर हम अब भी नहीं चेते तो भविष्य में हमारे बच्चों के लिए खुले हवा में सांस लेना भी मुश्किल होगा। इसके लिए जरूरी है कि हम पौधों को रोपकर उन्हें सिंचित कर बड़ा करें। जिससे सब स्वस्थ्य और खुश रहें।

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