कोरोना काल को अवसर में बदलकर महिलाएं बनीं आर्थिक रूप से सशक्त, पढ़ें पूरी खबर
कोरोना काल के दौरान ग्राम की स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने बनाए मास्क, सेनिटाइजर, मिनी स्टोर खोले, सिलाई सीखी, गोबर से बनाए दीपक, गरीबों के लिए अनाज व्यवस्था की खर्चों को बचाया और आय में वृद्धि की।
छिंदवाड़ा. मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी बिछुआ विकासखंड की सैकड़ों महिलाएं आपदा को अवसर में बदलते हुए आत्मनिर्भर होने को अग्रसर हैं। बिछुआ की सीइओ ममता कुलस्ते एवं जिला परियोजना प्रबंधक रेखा अहिरवार के मार्गदर्शन में कोरोना संकट काल में महिलाओं ने अपने काम के जरिए पहचान बनाई है। सारथी आजीविका ग्राम संगठन की अध्यक्ष मनीषा गजवी ने बताया कि कोरोना काल में स्वयं सहायता समूह द्वारा मास्क , सेनिटाइजर हैंडवॉश, टॉयलेट क्लीनर आदि का निर्माण किया। उस समय ये आसानी से ग्रामों में नहीं मिल रहे थे।
जैविक उत्पाद बनाए : नारी शक्ति ग्राम संगठन अध्यक्ष लक्ष्मी घागरे ने बताया कि स्वयं सहायता समूह द्वारा कोरोना काल में जैविक खेती के उत्पाद वर्मी कंपोस्ट, जैविक दवाइयों ,घी आदि का निर्माण किया जिससे खेती में होने वाले खर्चे को बचाया और आय में वृद्धि हुई।स्वयं सहायता समूह सदस्य संगीता डोंगरे ने बताया कि कोरोना के दौरान समूह से जुड़ी महिलाओं को पैंट -शर्ट ,ट्यूनिक ,सलवार, कुर्ती सिलने का प्रशिक्षण दिया गया। वे आज आत्मनिर्भर हो रही हैं।
सब्जी व किराना की दुकान खोली
प्रगति ग्राम संगठन चंद्रिकापुर की अध्यक्ष उर्मिला सुखदेव ने बताया कि ग्राम में कोरोना संकट के समय सब्जी एवं किराना की बहुत दिक्कत हो रही थी। स्वयं सहायता समूह के राशि एवं सामुदायिक निवेश से किराना एवं सब्जी की दुकान खोली गई, जिससे ग्रामीणों को आवश्यक सामग्री आसानी से प्राप्त हुई। स्व सहायता समूह सदस्य प्राची भोजने ने बताया कि कोरोना काल में गरीबों को अनाज की दिक्कत हो रही थी। समूह द्वारा अनाज बैंक की स्थापना की, समूह की सदस्यों ने स्वैच्छिक रूप से अनाज इक_ा किया और गरीबों को बांटा।
गांव-गांव पहुंचाया किराना सामान
ग्राम संगठन सदस्य अनीता कनोजिया बताती है कि कोरोना काल में किराना सामान अधिक दर पर मिल रहा था। मास्क एवं सेनिटाइजर भी उपलब्ध नहीं थे । इसके लिए उन्होंने मिनी स्टोर की स्थापना की। मास्क, सेनिटाइजर का विक्रय किया जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई। उन्होंने किराना सामग्री गांव-गांव तक पहुंचाने का प्रयास किया। ग्राम मोया की सुमन कुंवर कहती हैं कि उन्हें गोबर की मूर्ति, दीपक, धूपबत्ती बनाने का प्रशिक्षण लिया। महिलाएं गतिविधि से जुड़ी ग्राम संगठन अध्यक्ष गोनी नेहा करमेले ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री पथ विक्रेता एवं पशुपालन के्रडिट योजना कैश के्रडिट लिमिट आदि से जोडक़र सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त करने का प्रयास किया।
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