कामगारों के बच्चों की उच्च शिक्षा जैसे एमबीबीएस, बीई, बीटेक सहित अन्य समकक्ष शिक्षा के लिए प्रोत्साहन राशी देने का प्रावधान किया गया है जिसमें अध्ययनरत बच्चो का शिक्षण शुल्क कंपनी द्वारा दिया जाता है लेकिन इसके नियम शर्त बहुत जटिल है। और आवेदन के तीन साल के बाद राशी मिलती है तब तक बच्चे का कोर्स पूरा हो जाता है।
बीएमएस के राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि विष्णुपुरी खदान में कार्यरत राजेश कश्यप के पुत्र को बीई का शिक्षण शुल्क तीन वर्ष के बाद मिला है। अधिकारियों द्वारा इन योजनाओं में दिलचस्पी नहीं लेने के कारण कामगार के बच्चे इसका लाभ नहीं उठा पाते है।
श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा, मनोरंजन, खेलकूद के लिए कई योजनाएं बनाई गई है लेकिन इसके लिए वेकोलि स्तर की समितियों में निरंतर चर्चा एवं समीक्षा की जरूरत है। खेल मैदान के लिए कोई राशि उपलब्ध नहीं कराई जाती है। खेलकूद के लिए ढाचागत सुविधा ही नहीं है। योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है।
संजय सिंह, कार्य अध्यक्ष, बीएसएस
श्रमिक कल्याण कोष में कटौती की जा रही है। वेलफेयर बोर्ड को इस संबंध में अधिक सक्रिय होकर काम करने की जरूरत है। खेलकूद के नाम पर नई प्रतिभाओं को निखारने का काम नहीं हो रहा है। स्पर्धा का आयोजन केवल खानापूर्ति के लिए किया जाता है।
दीनानाथ यादव, महामंत्री इंटक
बीएमएस के राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि विष्णुपुरी खदान में कार्यरत राजेश कश्यप के पुत्र को बीई का शिक्षण शुल्क तीन वर्ष के बाद मिला है। अधिकारियों द्वारा इन योजनाओं में दिलचस्पी नहीं लेने के कारण कामगार के बच्चे इसका लाभ नहीं उठा पाते है।
श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा, मनोरंजन, खेलकूद के लिए कई योजनाएं बनाई गई है लेकिन इसके लिए वेकोलि स्तर की समितियों में निरंतर चर्चा एवं समीक्षा की जरूरत है। खेल मैदान के लिए कोई राशि उपलब्ध नहीं कराई जाती है। खेलकूद के लिए ढाचागत सुविधा ही नहीं है। योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है।
संजय सिंह, कार्य अध्यक्ष, बीएसएस
श्रमिक कल्याण कोष में कटौती की जा रही है। वेलफेयर बोर्ड को इस संबंध में अधिक सक्रिय होकर काम करने की जरूरत है। खेलकूद के नाम पर नई प्रतिभाओं को निखारने का काम नहीं हो रहा है। स्पर्धा का आयोजन केवल खानापूर्ति के लिए किया जाता है।
दीनानाथ यादव, महामंत्री इंटक