जबकि बिना भुगतान लिए कई डॉक्टर सेवा निवृत्त हो गए तो कई जूनियर से सीनियर हो गए है, लेकिन उन्हें मानदेय का भुगतान नहीं हो पाया है। हालांकि इस कार्य के लिए सहयोगी सफाई कामगारों को भुगतान निर्धारित समय पर होता रहा है। इधर शासन के आदेश के बाद राशि मिलने की उम्मीद पर डॉक्टरों को रिपोर्ट तैयार करते देखा जा सकता है। मामले में आरएमओ डॉ. सुशील दुबे ने बताया कि शासन के निर्देश के बाद डॉक्टरों द्वारा जिला अस्पताल में किए गए पोस्टमार्टम की विस्तृत जानकारी मांगी गई है। इस संदर्भ में वर्षों बाद निर्देश मिले हैं।
विभाग ने लिया संज्ञान
डॉक्टरों को पोस्टमार्टम अलाउंस, इमरजेंसी ड्यूटी अलाउंस, नाइट ड्यूटी अलाउंस, अव्यावसायिक क्षतिपूर्ति भत्ते आदि का भुगतान नहीं होने की शिकायत पर अतिरिक्त संचालक (वित्त) डॉ. राजीव सक्सेना ने नाराजगी जाहिर की तथा क्षेत्राधिकारी के समस्त स्तरों पर आवश्यक परीक्षण करने एवं नामवार समीक्षा कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हंै।
25 से बढक़र 400 रुपए हो गया मानदेय
जिला अस्पताल में कई डॉक्टरों का मानदेय लाखों रुपए तक पहुंच गया, लेकिन उन्हें अब तक भुगतान नहीं हुआ है। वहीं मानदेय की राशि भी 25 से 250 हुई तथा वर्तमान में 400 रुपए तक बढ़ गई, लेकिन भुगतान लम्बित रहा। हालांकि विभागीय अधिकारियों का दावा है कि शासन ने इस बीच राशि जारी की, लेकिन पर्याप्त नहीं होने सेे भुगतान नहीं किया जा सका, चूंकि क्लेम बजट से ज्यादा होता था।