ताड़ासन: गर्भवती महिलाओं के लिए ताड़ासन काफी फायदेमंद है। यह रीढ़ की हड्डी को मजबूती बनाने के साथ-साथ बैक पैन से भी राहत दिलाता है। इस आसन को शुरुआती छह महीने तक करना ही फायदेमंद होता है।
शवासन: शवासन करने से गर्भवती महिलाओं को तनाव से मुक्ति मिलती है। इस आसन को करने से गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे शिशु के विकास में फायदा होता है। गर्भवती महिलाओं को नियमित शवासन करना चाहिए।
वीरभद्रासन: वीरभद्र आसन को वॉरियर पोज भी कहते हैं। इसे करने से हाथों, कंधों, जांघों एवं कमर की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। यदि किसी गर्भवती महिला को उच्च रक्तचाप की शिकायत है तो उसे इस आसन को नहीं करना चाहिए।
मार्जरी आसन: यह आसन कैट पोज के नाम से भी प्रचलित है। इसे करने से रीढ़ में ताकत और शरीर में लचीलापन आएगा। इससे बेहतर रक्त का संचार बना रहता है और पाचन क्रिया में भी सुधार आता है।
कोणासन: रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में कोणासन भी बेहतर है। ब्लड सर्कुलेश्न में वृद्धि होती है। इसे नियमित करने से गर्भवती महिला के शरीर के हिस्से स्वस्थ रहते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यही नहीं गर्भावस्था के दौरान कब्ज से भी राहत मिलती है।