चित्रकूट

14 साल बाद न्यायालय ने विवाहिता को दिलवाएं जेवर

उनियारा. न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने बुधवार को 14 साल बाद एक विवाहिता को उसके जेवर सौंपे। थाना के मुख्य आरक्षी राजा दीवान ने बताया कि 2003 में भंवरी देवी पत्नी रामबिलास गुर्जर निवासी आखोलाई थाना देई के ससुर ने मामला दर्ज कराया था।

चित्रकूटMay 10, 2017 / 08:07 pm

pawan sharma

उनियारा. न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने बुधवार को 14 साल बाद एक विवाहिता को उसके जेवर सौंपे।

उनियारा. न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने बुधवार को 14 साल बाद एक विवाहिता को उसके जेवर सौंपे। थाना के मुख्य आरक्षी राजा दीवान ने बताया कि 2003 में भंवरी देवी पत्नी रामबिलास गुर्जर निवासी आखोलाई थाना देई के ससुर ने मामला दर्ज कराया था। इसमें बताया था कि भंवरी का विवाह उसके दत्तक पुत्र हेमराज से हुआ था। कुछ समय बाद भंवरी के भाई उसके पास आए और उसे पीहर में किसी की शादी होने की बात कहकर ले गए। 
जहां उसके भाइयों ने उसका नाता प्रथा से दूसरी जगह विवाह कर दिया। साथ ही उसके जेवर कड़ी, टणका, आंवला, कणकती, पूंछ, दो क्लिप चांदी के तथा जंतर सोने का खोल लिए। इस पर न्यायालय ने 14 साल सुनवाई के बाद माना कि ये जेवर भंवरी देवी के ही हंै। इस पर न्यायालय ने आदेश दिए कि परिवादी की पूर्व पुत्रवधु भंवरी देवी को सभी जेवर सुपुर्द कर दिए जाएं। 
जेवर लेकर भंवरी देवी काफी खुश नजर आई। उल्लेखनीय है कि पूर्व ससुर की इच्छा थी कि उसकी पुत्रवधु चाहे नाता प्रथा से दूसरी जगह चली गई, लेकिन उसके जेवर भी उसे ही मिलने चाहिए।

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