जहां उसके भाइयों ने उसका नाता प्रथा से दूसरी जगह विवाह कर दिया। साथ ही उसके जेवर कड़ी, टणका, आंवला, कणकती, पूंछ, दो क्लिप चांदी के तथा जंतर सोने का खोल लिए। इस पर न्यायालय ने 14 साल सुनवाई के बाद माना कि ये जेवर भंवरी देवी के ही हंै। इस पर न्यायालय ने आदेश दिए कि परिवादी की पूर्व पुत्रवधु भंवरी देवी को सभी जेवर सुपुर्द कर दिए जाएं।
जेवर लेकर भंवरी देवी काफी खुश नजर आई। उल्लेखनीय है कि पूर्व ससुर की इच्छा थी कि उसकी पुत्रवधु चाहे नाता प्रथा से दूसरी जगह चली गई, लेकिन उसके जेवर भी उसे ही मिलने चाहिए।