नियमों को ताक पर रखकर संचालित हो रहे 23 क्रशर प्लांटों में से 6 को सीज कर दिया गया। जनपद के भरतकूप कस्बे में संचालित इन प्लांटों पर जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर की ओर से गठित टीम ने सीज करने की कार्रवाई की।
नियमों की धज्जियां उड़ा रहे थे क्रशर प्लांट- एनजीटी व् प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सारे नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए हाइवे के किनारे और बस्तीयों के भीतर क्रशर प्लांटों का संचालन किया जा रहा था। हालांकि इन प्लांटों को इन स्थानों पर संचालित करने की अनुमति कैसे मिली यह भी एक यक्ष प्रश्न ही है और प्लांटों के संचालन से पहले अनापत्ति प्रमाण पत्र यानि एनओसी भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किया जाता है ऐसे में बोर्ड के अंदरखाने में भी सेटिंग चलती है यह भी एक तरह से स्पष्ट हो ही जाता है। कई सालों से कई समाजसेवी सङ्गठनों ने इस तरह के प्लांटों और उनकी वजह से क्षेत्र में फ़ैल रही घातक बीमारियों को मुद्दा बनाते हुए इनके खिलाफ अभियान छेड़ रखा था और शिकायत भी की गई थी ऊपर तक सो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ऐसे 49 क्रशर प्लांट चिन्हित किए थे जो मानक के विपरीत चल रहे थे जिनमें 23 को बंद करने की नोटिस फ़ाईनल तौर पर जारी की गई थी।
प्रशासन की टीम ने की कार्रवाई नोटिस जारी होने के बाद कार्रवाई के लिए डीएम विशाख जी अय्यर ने एसडीएम सदर इंदुप्रकाश, सीओ सिटी विजेन्द्र द्विवेदी, जिला खनिज अधिकारी मिथलेश पांडेय व क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी विजय कुमार मिश्र की संयुक्त टीम गठित की और सभी 23 क्रेशरों को बंद कराने के निर्देश दिए। निर्देशों पर अमल करते हुए टीम ने पहले दिन की कार्रवाई में 6 क्रशर प्लांटों को सीज कर दिय. टीम की कार्रवाई से क्रशर मालिकों में हड़कंप मचा रहा. क्रशर मालिक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों पर एनओसी देने के नाम पर तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं।
20 जुलाई तक चलेगा अभियान- मानकों के विपरीत संचालित अभी 18 क्रशर प्लांट और सीज किए जाएंगे। प्रशासन की यह कार्रवाई 20 जुलाई तक चलेगी। सभी प्लांटों को सीज करने की तारीख भी निर्धारित की गई है।