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इन रास्तों से गुजर रहे हैं तो हो जाएं सावधान, कभी भी मौत से हो सकता है आमना-सामना

locationचित्रकूटPublished: Jun 03, 2018 02:06:24 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

चित्रकूट के जंगली इलाकों का हाल…

paatha chitrakoot

इन रास्तों से गुजर रहे हैं तो हो जाएं सावधान, कभी भी मौत से हो सकता है आमना-सामना

चित्रकूट. पाठा के जंगलों में आदमखोर जंगली जानवरों की आहट से आस पास के इलाकों में खौफ कायम हो गया है। सांझ ढलते ही लोग यह प्रयास करते हैं कि वे जंगली रास्तों से न गुजरें। जंगलों में खूंखार जानवरों से कब सामना हो जाए यह कोई नहीं सकता। पाठा के घने जंगलों और बीहड़ों में रीछ बाघ तेंदुआ शेर सहित कई खतरनाक जानवर अपनी गर्जना से अपनी चहलकदमी का एहसास कराते रहते हैं लेकिन घने जंगल में जाकर लकड़ियां आदि काटने वाले मजदूर किसान और ग्रामीण इन जानवरों की आहट पहचान नहीं पाते और गाहे बगाहे उनका सामना सीधे मौत के रूप में उपस्थित इन खतरनाक आदमखोर जंगली जानवरों से हो जाता है और नतीजतन इंसान को अपनी जान गंवानी पड़ती है। कुछ ऐसा ही हुआ जनपद के बरगढ़ थाना क्षेत्र के जंगल में जहां लकड़ी काटने गए एक किसान के ऊपर अचानक रीछ ने जानलेवा हमला कर दिया और फिर जो हुआ उसे देख सुनकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो गए।
अगर आप जंगली रास्ते से गुजर रहे हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि उन रास्तों पर आपका सामना मौत से हो सकता है। क्या पता कोई खतरनाक जंगली जानवर आपके ऊपर हमला कर दे और आपकी जिंदगी मुश्किल में पड़ जाए। जंगल के रास्तों पर असावधानी बरतना ऐसे ही एक किसान को भारी पड़ गया। आदमखोर रीछ के हमले और उससे मुकाबले में किसान और रीछ(भालू) दोनों को गहरे जख़्म हुए लेकिन अंत में किसान जिंदगी की जंग।
बरामद हुआ क्षत विक्षत शव
जनपद के बरगढ़ थाना क्षेत्र के डोरिया जंगल में आदिवासी किसान शिवजतन कोल (45) की क्षत विक्षत लाश पाई गई। शव के पास ही काफी मात्रा में खून और किसी जंगली जानवर के बड़े बड़े बाल और पंजों के निशान थे। शिवजतन सुबह डोरिया जंगल में लकड़ी काटने गया था। काफी देर तक जब वह वापस नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की और उस दौरान शिवजतन की लाश जंगल में एक स्थान पर पाई गई।
रीछ ने किया हमला
मृतक किसान के चाचा हीरालाल के मुताबिक जिस जानवर के पंजों के निशान और बाल पड़े हुए थे वह रीछ(भालू) के मालूम पड़ते हैं क्योंकि अक्सर जंगल में आदमखोर रीछ को देखा जाता है। सावधानी से चलने पर जानवर हमला नहीं कर पाते और यदि कोई अस्त्र शस्त्र पास में हो तो हमले से बचा जा सकता है। शिवजतन के शरीर पर बड़े बड़े पंजों के निशान थे और पूरा शरीर लहूलुहान हो चुका था। उसके पास भी कुल्हाड़ी मौजूद थी जिससे रीछ से उसने मुकाबला किया होगा लेकिन खतरनाक और भारी भरकम रीछ के जानलेवा हमले में शिवजतन जिंदगी की जंग हार गया और उसकी मौत हो गई। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने भी रीछ द्वारा हमला करने की तस्दीक करते हुए शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
ग्रामीणों में दहशत
किसान पर रीछ के हमले और उसकी(किसान की) मौत से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त हो गई है। जंगल में लकड़ियां काट अपना जीवन यापन करने वाले आदिवासी मजदूर ग्रामीण और राहगीर सहमे हुए हैं। कहा जाता है कि जब किसी जंगली जानवर के मुंह में इंसानी खून लग जाता है तो वह खतरनाक आदमखोर बन जाता है, कुछ ऐसी ही आशंका के चलते जंगल के आस पास के इलाकों में खौफ कायम हो गया है। हालांकि वन विभाग और पुलिस ने ग्रामीणों से न डरने की बात कहते हुए उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिलाया है।
जंगल में मौजूद हैं कई खतरनाक जानवर
पाठा के जंगलों में कई खतरनाक जानवरों के मौजूद होने की तस्दीक अक्सर होती रहती है। सबसे खास बात यह कि इलाके के कई महत्वपूर्ण रास्ते घने जंगल और बीहड़ों से होकर जाते हैं। रानीपुर वन्य जीव बिहार के अंदर से ही कई गांवों के मार्ग लगे हुए हैं। ऐसे में जंगली जानवरों के हमलों का खतरा हमेशा बना रहता है लेकिन चूंकि गाहे बगाहे डकैतों और पुलिस के बीच गोलियों की आवाज गूंजती रहती है सो जानवर भी काफी हद तक बीहड़ की मांद में छिपे रहते हैं। इसकी वजह से उन्हें कई कई दिन भूखा भी रहना पड़ता है और परिणामतः वे आदमखोर बन जाते हैं।
फोटो- फाइल तस्वीर

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