जेल के प्रभारी गेटकीपर जेल वार्डर सत्येंद्र कुमार के बयान के मुताबिक, जेल अधीक्षक और जेलर ने अब्बास के को बिना तलाशी और गेटबुक में ब्योरा दर्ज कराए मुलाकात कराने के निर्देश दिए थे। प्रभारी कारापाल पीयूष पांडेय ने बयान दिया कि 10 फरवरी को निकहत की मुलाकात की पर्ची उसे नहीं दी गई थी।
अफसरों की मिलीभगत से हो रही थी मुलाकात
ड्यूटी पर तैनात जेल वार्डर जगमोहन सिंह और सत्येंद्र कुमार ने अब्बास अंसारी को पत्नी से मुलाकात करने के लिए कारागार के अंदर बिना किसी सक्षम प्राधिकारी के आदेश एवं मुलाकात पर्ची, जांच के अंदर आने दिया। उसने निकहत के बैग की तलाशी भी नहीं कराई। दोनों को निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की संस्तुति की गई है। इसी तरह जेल वार्डर अभय प्रताप सिंह की ड्यूटी तलाशी लेने की थी। उन्होंने अब्बास को बिना तलाशी या आदेश के द्वितीय गेट से जाने दिया।
हेड जेल वार्डर मुलायम सिंह ने बिना मुलाकात पर्ची स्वीकृत हुए अब्बास की निकहत से मुलाकात करायी। शिथिल पर्यवेक्षण की वजह से निकहत मोबाइल, टिफिन लेकर जेल के अंदर चली गई।
डिप्टी जेलर के कक्षा में होती थी मुलाकात
डीआईजी की पहली रिपोर्ट पर मुख्यालय ने तमाम सवाल उठा दिए थे, जिसके बाद उन्होंने अपनी दूसरी रिपोर्ट सौंपी। इसमें बताया कि हाईप्रोफाइल बंदी अब्बास अंसारी को हाई सिक्योरिटी बैरक की जगह क्वारंटीन बैरक में किसके आदेश पर रखा गया था, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है। जिस कमरे में अब्बास की उसकी पत्नी से मुलाकात करायी जाती थी, वह पहले डिप्टी जेलर चंद्रकला को एलॉट था।
नवंबर में अब्बास की निकहत से मुलाकात से पहले अतिरिक्त चार्ज मिलने की वजह से वह दूसरे कमरे में बैठने लगी थी। मुलाकात वाला कमरा किसी को आवंटित भी नहीं किया गया था। जेल अधीक्षक और जेलर ने अपने बयान में कहा कि 14 मई 2021 को जेल में हुई गोलीबारी की वजह से सुरक्षा के दृटिगत अब्बास की निकहत से इस कमरे में मुलाकात करायी जाती थी।