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भादों की अमावस्या पर चित्रकूट में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, लाखों की संख्या में धर्मनगरी पहुंचे श्रद्धालु

भदही अमावस्या पर पर भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा…

चित्रकूटSep 09, 2018 / 06:04 pm

Hariom Dwivedi

Bhadon amavasya

भदही अमावस्या पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, लाखों की संख्या में धर्मनगरी पहुंचे श्रद्धालु

चित्रकूट. भदही अमावस्या पर पर भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। आस्थावानों ने मंदाकिनी नदी में आस्था की डुबकी लगाई और कामतानाथ पर्वत की परिक्रमा की। शनिवार की रात और भोर की तरुणाई बेला में ही हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ रामघाट स्थित मंदाकिनी नदी में स्नान के लिए उमड़ पड़ी जो दोपहर होते होते लाखों की संख्या में पहुंच गई। इस दौरान सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। अमावस्या मेले को देखते हुए रेलवे ने चार मेला स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं 8 से 10 सितम्बर तक। परिवहन विभाग ने भी मुकम्मल इंतजाम किए हैं, लेकिन भारी संख्या में पहुंचे आस्थावान जान जोखिम में डालकर ट्रेनों की छत पर बैठकर यात्रा करते नजर आये। हालांकि, जीआरपी व आरपीएफ ने यात्रियों को रोकने की कोशिश की, परंतु भारी भीड़ के आगे सारी कोशिशें नाकाफी नजर आईं। प्रशासनिक अनुमान के मुताबिक, 15 से 20 लाख लोग अमावस्या के मौके पर चित्रकूट पहुंचे।
लाखों की संख्या में तपोस्थली पहुंचे श्रद्धालु
अमावस्या मेले के तहत देर रात से भोर तक हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ रेलवे स्टेशन बस अड्डे पर उमड़ पड़ी और रामघाट जाने के लिए आतुर दिखी। आस्थावानों का सैलाब पुण्य की डुबकी लगाने को बेताब दिखा। भोर के बाद सुबह से लेकर दोपहर तक ये संख्या लाखों में पहुंचने लगी। विभिन्न राज्यों सहित देश व प्रदेश के कई हिस्सों से आए श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी नदी में डुबकी लगाई और भगवान कामतानाथ पर्वत की परिक्रमा की।
सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
मेले को लेकर सुरक्षा-व्यवस्था के भी व्यापक इंतजाम किए गए थे. इलाहाबाद बांदा फतेहपुर कौशाम्बी प्रतापगढ़ जनपद से भी पुलिस टीमों को मेले की सुरक्षा-व्यवस्था में तैनात किया गया था। मेले में 14 सीओ, 155 सब इंस्पेक्टर, 26 थानाध्यक्ष, 405 कॉन्स्टेबल, 10 महिला सब इंस्पेक्टर, 70 महिला कॉन्स्टेबल, 48 यातायात सिपाही, 2 कम्पनी पीएसी, 4 फायर टैंकर, के आलावा ख़ुफ़िया विभाग डॉग स्क्वायड दस्ते आदि तैनात किए गए थे. मेला क्षेत्र को 8 जोन व् 18 सेक्टर में बांटा गया था।
यात्रियों ने तय किया मौत का सफर!
हमेशा की तरह इस बार भी श्रद्धालुओं ने जान जोखिम में डाल यात्रा की। रेलवे द्वारा मेला स्पेशल ट्रेनों के संचालन व कई एक्सप्रेस ट्रेनों के स्टापेज बढ़ाए जाने के बाद भी आस्थावान ट्रेनों की छत पर चढ़कर यात्रा करते नजर आए। हालांकि, स्टेशन पर बार बार एनाउंस हो रहा था कि ट्रेन की छत पर चढ़कर यात्रा न करें यह दण्डनीय है और जान के लिए खतरा भी है तो वहीं आरपीएफ व जीआरपी ऐसे लोगों को रोकने का प्रयास भी करती रही, लेकिन अत्यधिक भीड़ के चलते ये सारी कवायदें नाकाफी साबित हुईं। उधर बस की छत पर भी आस्थावानों ने यात्रा की जान हथेली पर लेकर।
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