दावों पर प्रश्न चिन्ह
जिम्मेदारों के दावों पर प्रश्न चिन्ह लगाती हैं ग्रामीण इलाकों में विकास की हकीकत। एक अदद मार्ग तक नहीं है कई इलाकों में सुरक्षित आवागमन के लिए जिससे ग्रामीण सही तरीके से आ जा सकें। उदाहरण के तौर जनपद के पाठ क्षेत्र से लेकर कई इलाके आज तक एक अच्छे मार्ग के लिए तरस रहे हैं। बारिश ने अपने पोल खोल अभियान में रही सही कसर भी पूरी कर दी। भ्रष्टाचार की भट्टी में जलाए गए विकास के पन्ने आज राख बनकर सिस्टम को आइना दिखा रहे हैं।
ग्रामीणों को खासी दिक्कतें
जनपद के मऊ, मानिकपुर, पहाड़ी व् कर्वी विकास खण्ड के कई ग्रामीण क्षेत्र सड़क मार्गों को लेकर अपने दिन लौटने की बाट जोह रहे हैं। आंकड़ों में तो विकास की गंगा बह रही है परंतु हकीकत उससे ज्यादा जुदा है। सवाल यह कि आखिर धरातल पर ये आंकड़े कब जादुई रूप से सही साबित होंगे? गांवों के अंदर बारिश की वजह से दलदल व् कीचड़ का साम्राज्य है और ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है आने जाने के दौरान लेकिन दावों की पोटली में ये सारी हकीकत बंद है।
प्रस्ताव बनाकर भेजा है
इस समस्या के बारे में जब पत्रिका ने मऊ मानिकपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक आरके सिंह पटेल से पूछा तो उनका कहना था कि सम्बंधित इलाकों के खराब संपर्क मार्गों व् रपटों और खासतौर पर मैदाना गांव के रपटे के निर्माण के लिए जिला पंचायत व् प्रधानमन्त्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रस्ताव बनाकर भेजा है जैसे ही बजट स्वीकृत होगा कार्य शुरू हो जाएगा।